रायपुर (मा.स.स.). छत्तीसगढ़ के बीजापुर मुठभेड़ के बाद अभी भी 1 जवान लापता हैं। इस मुठभेड़ में 22 जवान शहीद हुए हैं, इसकी पुष्टि हो गई है। नक्सल प्रभावित बीजापुर और सुकमा जिले की सीमा में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में आठ जवान शहीद हुए थे। वहीं, इसमें 35 के करीब जवान घायल हैं।
लापता जवानों की तलाश के लिए मुठभेड़ वाले इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। राज्य के नक्सल विरोधी अभियान के पुलिस उप महानिरीक्षक ओपी पाल ने बताया शुक्रवार की रात बीजापुर और सुकमा जिले से केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के कोबरा बटालियन, डीआरजी और एसटीएफ के संयुक्त दल को नक्सल विरोधी अभियान में रवाना किया गया था। उन्होंने बताया कि नक्सल विरोधी अभियान में बीजापुर जिले के तर्रेम, उसूर और पामेड़ से और सुकमा जिले के मिनपा और नरसापुरम से लगभग दो हजार जवान शामिल थे।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि दोपहर लगभग 12 बजे बीजापुर-सुकमा जिले की सीमा पर सुकमा जिले के जगरगुंड़ा थाना क्षेत्र के अंतर्गत जोनागुड़ा गांव के करीब नक्सलियों की पीएलजीए बटालियन तथा तर्रेम के सुरक्षा बलों के मध्य मुठभेड़ हुई। मुठभेड़ तीन घंटे से अधिक समय तक चली। मुठभेड़ में कोबरा बटालियन का एक जवान, बस्तरिया बटालियन के दो जवान और डीआरजी के दो जवान शहीद हुए हैं। इस दौरान 35 जवान घायल हुए हैं। घायल जवानों में से सात जवानों का रायपुर के अस्पताल में और 23 जवानों का इलाज बीजापुर के अस्पताल में किया गया है। वहीं, मौके से एक महिला नक्सली का शव बरामद हुआ है।
वहीं, इसे लेकर रायपुर में हाईलेवल मीटिंग जारी है। डीजीपी डीएम अवस्थी सीनियर अधिकारियों की इमरजेंसी बैठक बुलाई है। इस मीटिंग में बीजापुर एनकाउंटर को लेकर चर्चा चल रही है। सीएम भूपेश बघेल ने भी घटना को लेकर दुख व्यक्त किया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी छत्तीसगढ़ की घटना पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि नक्सलियों से लड़ते हुए शहीद हुए बहादुर सुरक्षाकर्मियों को नमन करता हूं। देश उनकी वीरता को कभी नहीं भूलेगा। मेरी संवेदना उनके परिवार के साथ है। हम शांति और प्रगति के इन दुश्मनों के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।