नई दिल्ली (मा.स.स.). दिल्ली में किसानों और सरकार के बीच आज हो रही 9वें दौर की बैठक समाप्त हो चुकी है। लं लगभग 5 घंटे चली यह बैठक भी बेनतीजा रही। अगली बैठक 19 जनवरी को होगी। बताया जा रहा है कि लंच के बाद सरकार और किसानों के बीच एमएसपी गारंटी को लेकर बात हुई। कृषि मंत्री के अनुसार सरकार सुप्रीम कोर्ट की कमिटी के सामने भी अपना पक्ष रखेगी।
बैठक के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, ‘ हम कृषि कानूनों को वापस लेने की हमारी मांग पर अब भी कायम हैं। हम सुप्रीम कोर्ट की बनाई कमिटी के पास नहीं जाएंहे। हम केवल केंद्र सरकार से बात करेंगे।’ बैठक के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कृषि मंत्री ने कहा, ‘किसान यूनियन के साथ आज बातचीत सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई। तीनों कानूनों और आवश्यक वस्तु् अधिनियम पर भी चर्चा हुई। हमारी ओर से सभी शंकाओं को दूर करने की कोशिश की गई, लेकिन चर्चा निर्णायक मोड़ पर नहीं पहुंच पाई। 19 जनवरी को अगली बैठक का फैसला किया गया।’
कृषि मंत्री ने आगे कहा, ‘किसान चाहें तो अनौपचारिक समूह बना ले और कृषि कानूनों पर आपत्तियों को लेकर मसौदा दें तो सरकार खुले मन से उसपर चर्चा करने को तैयार है। किसान संगठनों को उनकी शंकाएं दूर करने के लिए सरकार की ओर लिखित प्रस्ताव दिया गया था, जो किसान संगठनों को मंजूर नहीं था, इसलिए बातचीत हो रही है।’
मामले में मध्यस्थता के लिए सुप्रीम कोर्ट की बनाई कमिटी पर तोमर ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का भारत सरकार स्वागत करती है। मध्यस्थता के लिए बनाई गई कमिटी जब हम बुलाएगी तो उसके समक्ष अपना पक्ष रखेंगे। सुप्रीम कोर्ट की कमिटी भी समाधान ढूंढने के लिए बनाई गई है।’
किसान नेता जोगिन्दर सिंह उग्रहान ने कहा कि किसान संगठनों ने सरकार से तीनों कानून रद्द करने का आग्रह किया लेकिन केंद्र ऐसा करने को अनिच्छुक दिखी। उन्होंने कहा, ‘हमने 19 जनवरी को दोपहर 12 बजे फिर से मिलने का फैसला किया है ।’ उग्रहान ने कहा कि बैठक के दौरान किसान संगठनों के नेताओं ने पंजाब के उन ट्रांसपोर्टरों पर एनआई के छापे का मुद्दा उठाया जो किसान विरोध प्रदर्शन का समर्थन कर रहे हैं और आवाजाही की सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं ।