मुंबई (मा.स.स.). आरबीआई के सहायक महाप्रबंधक बी महेश के एक बयान ने नोटबंदी की याद दिला दी है. बी महेश ने कहा है कि रिजर्व बैंक 5, 10 और 100 रुपये के पुराने नोट वापस लेने की योजना पर विचार कर रहा है. अगर सब कुछ ठीक रहा तो मार्च और अप्रैल में इसका ऐलान किया जा सकता है. समय-समय पर नकली नोटों के खतरे को टालने के लिए रिजर्व बैंक पुरानी सीरीज के नोटों को बंद कर देता है. अधिकृत ऐलान के बाद बंद किए गए सभी पुराने नोटों को बैंक में जमा कराना होता है. जमा कराए गए कुल नोटों की कीमत बैंक खाते में जमा कर देती है या नया नोट दे देती है.
2 साल पहले आरबीआई ने 100 का नया नोट जारी किया था. 100 रुपये का नया नोट गहरे बैंगनी रंग का है और इस पर ऐतिहासिक स्थल रानी की वाव को जगह दी गई है. इसे रानी की बावड़ी भी कहा जाता है। रानी की वाव गुजरात के पाटन जिले में स्थित है. यूनेस्को ने 4 साल पहले 2014 रानी की वाव को विश्व विरासत में शामिल किया था। यूनेस्को की वेबसाइट के अनुसार रानी की वाव सरस्वती नदी से जुड़ी है. यूनेस्को ने इसे बावड़ियों की रानी की उपाधि दी है. बी महेश ने कहा कि नए नोट जारी होने के बावजूद पुराने 100 रुपये के नोट भी चलते रहेंगे, उसे भी वैध करेंसी माना जाएगा.
10 रुपये के सिक्के रिजर्व बैंक के लिए सिरदर्द बन चुके हैं. 10 रुपये का सिक्का आज से 15 साल पहले लाया गया था, लेकिन दुकानदार और कारोबारी आज भी इसको लेने से इनकार कर रहे हैं. इसकी वैधता को लेकर अफवाह फैलाई जाती है. जिसकी वजह रिजर्व बैंक के पास 10 रुपये के सिक्कों का पहाड़ खड़ा हो गया है. इस पर आरबीआई के सहायक महाप्रबंधक बी महेश ने कहा है कि सभी बैंक को 10 रुपये के सिक्के के बारे में लोगों को जागरुक करना चाहिए कि इस सिक्के को बंद करने की कोई योजना नहीं है और न ही नकली सिक्के का कोई खतरा है. 10 रुपये की कीमत का सिक्का पहले की तरह ही बाजार में चलता रहे, इसके लिए बैंक को हर संभव कोशिश करनी चाहिए.