रांची (मा.स.स.). चुनाव आयोग ने झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को नोटिस भेजकर यह बताने के लिए कहा कि उनके पक्ष में खदान का पट्टा जारी करने के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए। जो प्रथम दृष्टया लोक जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 9ए का उल्लंघन करती है। धारा 9ए सरकारी अनुबंधों के लिए किसी सदन से अयोग्यता से संबंधित है। बहरहाल, चुनाव आयोग का नोटिस मिलने के बाद झारखंड में सियासी भूचाल आ गया है। उन्हें नोटिस का जवाब देने के लिए 10 मई तक का समय दिया जाता है।
झारखंड में खदान और उद्योग विभाग दोनों सीएम सोरेन के पास है। वे पहले से ही रांची में उनके नाम पर पत्थर की खदान के कथित आवंटन के कारण कानूनी उलझन में हैं। 2019 में बरहेट निर्वाचन क्षेत्र से सदन के लिए चुने गए सोरेन ने 13 साल पहले रांची जिले के अंगारा ब्लॉक के प्लाट संख्या 482 पर 0.88 एकड़ के पत्थर के खनन पट्टे के लिए आवेदन किया था। वहीं, चुनाव आयोग पहले से मामले की जांच कर रहा है कि क्या मुख्यमंत्री ने अपने पद का इस्तेमाल लाभ के लिए किया है? बताया जा रहा है कि मामले में दोषी पाए जाने पर विधानसभा सदस्यता से अयोग्यता की नौबत भी आ सकती है।