लखनऊ (मा.स.स.). उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले से समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान की जमानत अर्जी के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट को फटकार लगाते हुए कहा है कि यह न्यायपालिका के अधिकारों का हनन है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लगभग 137 दिन बीत चुके है लेकिन अब तक इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कोई संज्ञान नहीं लिया है. इस तरह से सुप्रीम कोर्ट ने इसे न्यायपालिका का उपहास बताते हुए कहा कि वह 11 मई को इस मामले पर सुनवाई करेगा. आपको बता दें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान आजम खान को प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया था. फिलहाल आजम खान इस समय सीतापुर सेंट्रल जेल में बंद है.
11 मई को सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई
इसके आलावा सुप्रीम कोर्ट ने कडे़ शब्दों में कहा कि अगर इलाहाबाद हाई कोर्ट इस मामले में फैसला नही करता है तो हम इस मामले में दखल देगे. आपको बताते चले कि आजम खान की जमानत अर्जी पर गुरुवार को भी फैसला नहीं लिया गया. क्योंकि न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली खण्डपीठ ने आजम खान की जमानत पर हुई सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रखा था.
अजीम नगर पुलिस स्टेशन में केस दर्ज
आजम खान ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी अर्जी में रामपुर के अजीम नगर पुलिस स्टेशन में साल 2019 में दर्ज केस नंबर 312 की अंतरिम जमानत देने का अनुरोध किया है. आजम खान ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित करते हुए कहा था कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दिसंबर 2021 से उनकी जमानत के लिए आदेश सुरक्षित रखा है. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार ने मामले से संबंधित कुछ नए तथ्यों को पेश करके एक नया आवेदन प्रस्तुत किया था.
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