लखनऊ (मा.स.स.). दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा स्थित शारदा विश्वविद्यालय फिर एक बार विवादों में फसता हुआ नजर आ रहा है. विश्वविद्यालय में चल रहे मिड सेमेस्टर परीक्षा के दौरान बीए पॉलिटिकल साइंस के प्रश्न पत्र को लेकर बवाल शुरु हो गया है. जोकि इस वक्त सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. प्रश्न पत्र में पूछे गये एक सवाल को लेकर ये कहा जा रहा है कि 5 मई 2022 को हुई परीक्षा के दौरान छात्रों से फासीवाद और हिंदुत्व के बीच समानताएं लिखने को कहा गया था.
कैसे शुरु हुआ विवाद
आपको बताते चलें कि विश्वविद्यालय में इस वक्त सत्र 2021-22 की मिड सेमेस्टर परीक्षा चल रही है, इस दौरान बीते गुरुवार को प्रश्न पत्र में पूछे गए एक सवाल को लेकर छात्रों ने हंगामा शुरु कर दिया. उसके बाद देखते ही देखते मामला सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्विटर तक पहुच गया. ऐसे में लोगों ने मामले को आड़े हाथों लेते हुए #BanShardaUniversity ट्रेंड कराना शुरु कर दिया.
यूनिवर्सिटी का नाम 'शारदा' पर कृत्य देखिए कि परीक्षा में छात्रों को 'हिन्दुत्व' को अनिवार्य रूप से फासी और नाजीवाद के समकक्ष सिद्ध करने के लिए कहा जा रहा है। यह प्रश्नपत्र कथित रूप से किसी मुस्लिम शिक्षक द्वारा बनाया गया है. (Q no. 6)@myogiadityanath @dpradhanbjp @shalabhmani pic.twitter.com/rtTTJzyA0u
— विकास प्रीतम सिन्हा (@VikashPreetam) May 6, 2022
मुस्लिम शिक्षक के बनाया प्रश्न पत्र
बीजेपी नेता विकास प्रीतम सिंह ने इस मामले को उठाते हुए अपने ट्विटर हैंडल पर पोस्ट करते हुए लिखा कि ‘शारदा विश्वविद्यालय’ का कृत्य देखिए कि परीक्षा में छात्रों को ‘हिन्दुत्व’ को अनिवार्य रूप से फासीवाद और नाजीवाद के समकक्ष सिद्ध करने के लिए कहा जा रहा है. यह प्रश्न पत्र कथित रूप से किसी मुस्लिम शिक्षक द्वारा बनाया गया है.
विश्वविद्यालय प्रशासन ने क्या कहा?
इस पूरे प्रकरण पर विश्वविद्यालय के जनसम्पर्क अधिकारी डा. अजीत कुमार ने बताया कि परीक्षा का प्रश्न पत्र संबंधित विभाग के शिक्षक ही बनाते है. डा. कुमार ने कहा कि इस मामले के संबंध में विश्वविद्यालय द्वारा जांच के आदेश दे दिए गए है. फिलहाल प्रश्न पत्र का मामला तूल पकड़ता देख विश्वविद्यालय प्रशासन ने शिक्षक को निलंबित कर दिया है. आपको बता दें कि विश्वविद्यालय में इस तरह का यह पहला मामला नही है. इससे पहले भी कई सारे मामलों में विश्वविद्यालय पर सवाल खड़े होते रहे है.
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