इस्लामाबाद (मा.स.स.). चीन और पाकिस्तान के ड्रीम प्रोजेक्ट चाइना-पाकिस्तान इकॉनमिक कॉरिडोर(CPEC) को ग्रहण लग गया है. तमाम प्रयासों के बावजूद इस प्रोजेक्ट पर काम आगे नहीं बढ़ पा रहा है. हालिया रिपोर्ट की मानें तो तय समय से इस प्रोजेक्ट का काम काफी पीछे चल रहा है. अब तक 15 में से सिर्फ तीन प्रोजेक्ट का ही काम हो पाया है. बताते चलें कि यह रूट पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर से होकर निकलना था इसलिए भारत भी इसका विरोध करता है.
पाकिस्तान के कराची में बीते 26 मार्च को एक वैन में हुए धमाके के बाद चीन का पाकिस्तान से भरोसा उठ गया है. पाकिस्तान देश में मौजूद चीनी नागरिकों की सुरक्षा नहीं कर पा रहा है. चीन ने पाकिस्तान के बलूचिस्तान में बड़ा निवेश किया है, लेकिन स्थानीय लोग चीन का विरोध कर रहे हैं. कराची धमाके में चीनी नागरिकों को निशाना बनाया गया. सीनेट डिफेंस कमेटी के चेयरमैन मुशाहिद हुसैन ने कहा कि चीन को पाकिस्तान की सुरक्षा पर जो भरोसा था, उसको बड़ा झटका लगा है. बताया जा रहा है कि चीन को इस बात की भी चिंता है कि कंगाल पाकिस्तान में निवेश किया गया उसका पैसा कहीं डूब ना जाए.
उन्होंने कहा कि चीन इस वक्त गंभीर चिंता में है. हमलों का पैटर्न देखकर चीन को पाकिस्तानियों के वादे के बारे में पता चल गया है कि वो सिर्फ कहे शब्द हैं. जमीन पर उनके वादे नहीं दिखते. मुशाहिद हुसैन ने पाकिस्तानी सुरक्षाबलों की लापरवाही पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि क्या एजेंसियां सो रही थीं.