अंतरराष्ट्रीय डेस्क (मा.स.स.). वैज्ञानिकों ने पहली बार आकाशगंगा के बीचों बीच स्थित ब्लैक होल की तस्वीर जारी की है। ये वाकई ऐतिहासिक है, जब पहली बार खगोलविदों ने हमारी आकाशगंगा के केंद्र में एक सुपरमैसिव ब्लैक होल की एक छवि पर खोज कर लिया है। खगोल वैज्ञानिकों ने सैजिटेरियस ए नाम के ब्लैक होल की तस्वीर जारी की है, जो कि हमारे सूरज के द्रव्यमान से करीब 40 लाख गुना बड़ा है और मात्र कुछ सेंकड के लिए ही दिखता है। पूरी दुनिया ने आकाशगंगा के केंद्र में ब्लैक होल की पहली दहकती हुई लेकिन धुधली तस्वीर देखी।
द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल लेटर्स में प्रकाशित खोज इस बात का बड़ा सबूत देती है कि खोजी गई वस्तु वास्तव में एक ‘ब्लैक होल’ है। यह तस्वीर ‘इवेंट होराइजन टेलीस्कोप (ईएचटी) कलैबरेशन’ नामक वैश्विक अनुसंधान टीम द्वारा तैयार की गई है। इसके लिए उसने रेडियो टेलीस्कोप के विश्वव्यापी नेटवर्क का सहारा लिया। खोज से स्पष्ट हुआ है कि ‘सैजिटेरियस ए’ के रूप में जानी जाने वाली चीज एक ब्लैक होल है और तस्वीर इसका पहला प्रत्यक्ष दृश्य प्रमाण प्रदान करती है। खगोलविदों ने कहा कि वे धरती से लगभग 27000 प्रकाशवर्ष दूर स्थित इस ब्लैकहोल को लेकर काफी उत्सुक हैं।
बहुत ज्यादा गर्म गैस और धूल के कणों से बने ब्लैकहोल का गुरुत्वाकर्षण इतना ज्यादा होता है कि यहां पहुंचकर लाइट भी बिखर जाती है। गुरुवार को इंटरनेशनल कंसोर्टियम ने ब्लैक होल की रंगीन तस्वीर जारी की जो कि इवेंट हॉरिजन टेलिस्कोप से ली गई है। दुनियाभर में आठ जगहों पर सिंक्रोनाइज्ड रोडियो टेलिस्कोप लगाए गए हैं। इससे पहले भी ब्लैकहोल की तस्वीर लेने की कोशिश की गई थी लेकिन इस काम में ठीक से कामयाबी नहीं मिली थी। तस्वीर इस बार भी पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है। अरिजोना यूनिवर्सिटी के फेरियल ओजेल ब्लैक होल को जेंटल जायंट कहते हैं जो कि गैलेक्सी के केंद्र में होता है।