लखनऊ (मा.स.स.). ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे पर तत्काल रोक लगाने की मांग को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। हालांकि इस संबंध में अर्जी पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सहमति जाहिर की है और बाद में इस पर सुनवाई की जाएगी। अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की ओर से दायर अर्जी को लेकर चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा कि इस मामले में हम कोई जानकारी नहीं है। ऐसे में हम तत्काल कोई आदेश कैसे जारी कर सकते हैं। हम इस मामले की लिस्टिंग कर सकते हैं।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) एनवी रमना ने इस याचिका पर कहा है कि वे पहले फाइलें देखेंगे। फिर फैसला लेंगे। उन्होंने इस मामले से जुड़े दस्तावेज मांगे हैं। सुप्रीम कोर्ट में ज्ञानवापी से जुड़ी यह याचिका सीनियर एडवोकेट हुजेफा अहमदी ने दायर की है। हुजेफा अहमदी ज्ञानवापी केस से नहीं जुड़े हैं। CJI की कोर्ट में एडवोकेट हुजेफा ने अपील की कि वाराणसी कोर्ट के फैसले पर शुक्रवार से कार्रवाई शुरू हो जाएगी इसलिए मामले को तत्काल सुना जाए। कम से कम मामले पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश जारी कर दिया जाए।
ज्ञानवापी मस्जिद केस में फैसला सुनाने वाले जज रवि कुमार दिवाकर ने अपनी और परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की है। रवि कुमार दिवाकर ने कहा कि इस साधारण से सिविल वाद को असाधारण बनाकर डर का माहौल पैदा किया जा रहा है। डर इतना है कि अपनी व परिवार की सुरक्षा की चिंता बनी रहती है। घर से बाहर होने पर पत्नी बार-बार सुरक्षा को लेकर चिंता जताती है। लखनऊ में मां ने बातचीत के दौरान मेरी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी।
वाराणसी के लमही स्थित मुस्लिम फाउंडेशन की महिलाओं ने वीडियोग्राफी का समर्थन किया है। उन्होंने कहा है कि ज्ञानवापी मस्जिद में होने वाले सर्वे से सच सामने आ जायेगा। इसके साथ ही उन्होंने ज्ञानवापी मस्जिद को मंदिर बताया और साफ किया कि ये इतिहास में दर्ज है कि औरंगजेब ने मंदिर तोड़कर मस्जिद बनवाया था। ऐसे में इस विडियोग्रागी से सच सामने आ जाएगा। इन मुस्लिम महिलाओं ने इसके साथ ही मुस्लिम भाइयों से अपील की है कि वो सर्वे का साथ दें।
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