नई दिल्ली (मा.स.स.). चीन और यूरोपीय देशों में कोरोना के फिर से तेजी से बढ़ रहे मामलों के बाद चौथी लहर की आशंका तेज हो गई है। कोरोना के तेजी से बढ़ते मामलों के पीछे ओमीक्रोन के सबवेरिएंट को वजह माना जा रहा है। ओमीक्रोन के सब वेरिएंट BA2 दक्षिण कोरिया में कोरोना के मामलों में भारी बढ़ोतरी हुई है। वहीं ब्रिटेन और कई अन्य यूरोपीय देशों में एक ही दिन में 6 लाख से अधिक मामले सामने आए हैं। हालांकि भारत में तुरंत नई लहर आने को लेकर भारतीय एक्सपर्ट अभी चिंतित नहीं हैं।
एक्सपर्ट का कहना है कि दिसंबर 2021 और फरवरी के बीच आई तीसरी लहर के कारण लोगों की इम्युनिटी बढ़ी हुई है। साथ ही देश के कई राज्यों में वैक्सीनेशन की दर बहुत अधिक है। हालांकि, स्वास्थ्य सेवाओं के पूर्व राज्य महानिदेशक और राज्य सरकार के तकनीकी सलाहकार डॉ. सुभाष सालुंखे ने कहा कि हम अपनी तैयारी को कम नहीं कर सकते क्योंकि दुनिया के अन्य हिस्सों की तरह भारत में चौथी लहर आ सकती है। डॉ सालुंखे ने कहा कि चौथी लहर के बारे में केवल एक चीज पता नहीं है कि यह वास्तव में कब होगी और यह कितनी गंभीर होगी।
कोरोना वायरस के ओमीक्रोन वेरिएंट के 50 से अधिक म्यूटेशन हो चुके हैं। इससे उस समय दुनिया भर में खलबली मचा दी थी जब नवंबर 2021 में पहली बार दक्षिण अफ्रीका में इसका पता चला था। यह वेरिएंट बहुत अधिक संक्रामक था। इस वजह से अस्पताल में भर्ती होने वाले लोगों की संख्या में बढ़ोतरी के साथ ही काफी अधिक संख्या में लोगों को जान गंवानी पड़ी थी। एक्सपर्ट का कहना है कि वैक्सीनेशन के कारण इस वेरिएंट की वजह से स्थिति में काफी सुधार हुआ।
महाराष्ट्र सरकार के कोविड टास्क फोर्स के सदस्य डॉ. शशांक जोशी का कहना है कि देश मे तीसरी लहर के दौरान शुरुआत में ही ओमीक्रोन केबीए 1 और बीए 2 दोनों वेरिएंट सामने आए थे। डॉ जोशी ने कहा कि भारत में कोविड की नई लहर का फिलहाल कोई खतरा नहीं है। इजरायल में मिले नए वेरिएंट के बारे में डॉ. जोशी ने कहा कि अभी इसे वेरिएंट ऑफ कन्सर्न (VoC)घोषित नहीं किया गया है। इसलिए जब तक एक नया वीओसी सामने नहीं आता, तब तक डरने का कोई कारण नहीं है। हालांकि हमें मास्क पहनना बंद नहीं करना चाहिए। साइंटिस्टों का मानना है कि एंटीबॉडी के कम होने पर SARSCoV-2 वायरस लोगों को फिर से संक्रमित कर सकता है।