कोलकाता (मा.स.स.). पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में तृणमूल कांग्रेस के नेता भादू शेख की हत्या के बाद भड़की हिंसा में 2 बच्चों सहित 10 लोगों की मौत हो गई थी। जिस बागतुई गांव में आगजनी हुई, वहां लोग डर के चलते गांव छोड़कर जा रहे हैं। इस मामले में अब तक 20 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। कोलकाता हाईकोर्ट ने इस मामले पर खुद सुनवाई करने का फैसला किया है। चीफ जस्टिस की बेंच बुधवार को सुनवाई करेगी।
बीरभूम हिंसा के मामले में सीएम ममता बैनर्जी ने भाजपा को आड़े हाथों लिया है। ममता ने कहा- सरकार हमारी है, हमें अपने लोगों की चिंता है। हम कभी नहीं चाहेंगे कि किसी को तकलीफ हो। बीरभूम, रामपुरहाट की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। मैंने ओसी, एसडीपीओ को तत्काल बर्खास्त कर दिया है। मैं कल रामपुरहाट जाऊंगी। मैं रामपुरहाट की घटना को सही नहीं ठहरा रही हूं लेकिन गुजरात और राजस्थान में भी इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं। हम निष्पक्ष कार्रवाई करेंगे। यह बंगाल है, उत्तर प्रदेश नहीं। मैंने तृणमूल कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल हाथरस भेजा था लेकिन हमें जाने नहीं दिया गया। लेकिन हम किसी को यहां आने से नहीं रोक रहे हैं।
इस मामले की जांच के लिए सीएम ममता बैनर्जी ने CID के एडीशनल डायरेक्टर ज्ञानवंत सिंह की अध्यक्षता में SIT का गठन किया है जो मामले की जांच के लिए बीरभूम के रामपुरहाट पहुंच चुकी है। बीरभूम में भड़की हिंसा के बाद राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने बंगाल सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा- इस घटना से पता चलता है कि राज्य में सिर्फ हिंसा और अराजकता है। मैंने चीफ सेक्रेटरी से घटना पर अपडेट मांगा है। मेरी संवेदनाएं पीड़ितों के परिवार के साथ है।
बीरभूम जिले में भड़की हिंसा के बाद गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल सरकार से आम लोगों की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने के लिए कहा है। मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि बीरभूम की घटना को लेकर बंगाल के BJP अध्यक्ष सुकांतो मजूमदार के नेतृत्व में भाजपा सांसदों ने मुलाकात की है। गृह मंत्री अमित शाह पूरे मामले को खुद देख रहे हैं। गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से इस पर रिपोर्ट तलब की है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने पुलिस अधीक्षक बीरभूम और डीजीपी पश्चिम बंगाल को नोटिस जारी कर जानकारी मांगी है।
दरअसल, पश्चिम बंगाल के बीरभूम में टीएमसी के नेता भादू शेख पर 4 बदमाशों ने हमला कर दिया था, जिसमें पंचायत नेता की मौत हो गई। हमले से भड़के तृणमूल के नेताओं ने कई घरों में आग लगा दी। हिंसा में एक ही घर के 8 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद से इलाके में भारी पुलिस बल तैनात है।