लखनऊ (मा.स.स.). लोकसभा चुनाव 2024 से पहले देश में एक बार फिर यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर नई बहस शुरू हो गई है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस मुद्दे को लेकर दिए गए बयान के बाद यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि कॉमन सिविल कोड इस देश और उत्तर प्रदेश के लिए जरूरी है और इस दिशा में योगी सरकार गंभीरता से विचार कर रही है।
केशव प्रयाद मौर्य ने कहा है कि हर कोई समान नागरिक संहिता की मांग कर रहा है। इसका स्वागत कर रहा है। लखनऊ में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार भी इस दिशा में विचार कर रही है। हमलोग इसके समर्थन में हैं। यह उत्तर प्रदेश और देश के लोगों के लिए जरूरी भी है। डिप्टी सीएम ने यह भी कहा कि समान नागरिक संहिता का मुद्दा भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख वादों में से एक है।
समान नागरिक संहिता लागू होने से सभी समुदाय के लोगों को एक समान अधिकार मिल जाएंगे। ऐसे में मुस्लिम पर्सनल लॉ, पारसी पर्सनल लॉ, क्रिश्चियन पर्सनल लॉ खत्म हो जाएंगे। तमाम लोगों को संविधान के तहत मिले अधिकार मिल जाएंगे। कुछ समुदाय के पर्सनल लॉ में महिलाओं के अधिकार सीमित हैं। उन्हें बराबरी का अधिकार मिल जाएगा। साथ ही, संपत्ति के अधिकार के मामले में भी पिता की संपत्ति पर अधिकार और गोद लेने के संबंध में महिलाओं को समान अधिकार का लाभ मिलेगा। कुछ विशेष समुदाय इसी कारण समान नागरिक संहिता का विरोध करती है।