चंडीगढ़ (मा.स.स.). पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर राज्य की खराब वित्तीय हालत का हवाला देते हुए अगले 2 वर्षों के लिए एक लाख करोड़ रुपये के विशेष पैकेज की मांग की है। संसद भवन परिसर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए भगवंत मान ने कहा कि पंजाब की वित्तीय स्थिति बहुत ही खराब है। राज्य पर तीन लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्जा है। आम आदमी पार्टी को सत्ता में आए हुए एक सप्ताह ही हुआ है। हम कोशिश कर रहे हैं कि माफिया और खजाने की लूट को रोक कर भरपाई की जाए, लेकिन पंजाब को मदद की जरूरत है।
मान ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री से एक लाख करोड़ रुपये के विशेष पैकेज की मांग की है। उन्होंने इसके बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र से अगले दो वर्षों तक हर वर्ष 50 हजार करोड़ रुपये का पैकेज देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि इन 2 वर्षों में पंजाब अपने खजाने और वित्तीय स्थिति को संभाल लेगा और पंजाब फिर से अपने पांव पर खड़ा हो जाएगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वित्त मंत्री से बात कर पंजाब को दोबारा रंगला पंजाब बनाने में मदद करेंगे। मान ने पंजाब की खराब हालत के लिए पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी वजह से आज पंजाब की इतनी बुरी हालत हो गई है, जिसे कभी देश का नग माना जाता था। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने उन्हें चुनाव जीतने और मुख्यमंत्री बनने की बधाई दी और यह आश्वासन भी दिया कि मिल कर देश को आगे बढ़ाना है, पंजाब का विकास करना है। मान ने दावा किया कि पंजाब को दोबारा देश का नंबर वन राज्य बनाएंगे।
दरअसल, पंजाब विधानसभा चुनाव के समय अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी की ओर से प्रदेश की आर्थिक स्थिति को समझे बिना ही सिर्फ चुनाव जीतने के लिए बहुत बड़ी-बड़ी घोषणाएं कर दी। पंजाब की जनता को बहुत कुछ फ्री या सस्ते दामों में उपलब्ध कराने का वादा कर दिया। अब जबकि भगवंत मान को केजरीवाल ने आप की ओर से मुख्यमंत्री बना दिया, लेकिन अब भगवंत मान पर वो सभी वादे पूरे करने का दबाव है। इसलिए इससे पहले कोई और उनकी सरकार पर सवाल उठाये, उन्होंने पहले ही जवाब दे दिया। एक तो पिछली सरकारों पर आरोप मढ़ते हुए पंजाब की चुनावी वादों को पूरा करने में असमर्थता जाता दी, दूसरा लगे हाथों मोदी सरकार से बड़ा आर्थिक पैकेज मांग लिया। यदि केंद्र सरकार मान जाती है, तो उनकी सरकार की सफलता, नहीं मानती तो केंद्र का असहयोगात्मक व्यवहार। फिर वादाखिलाफी के लिए उनकी सरकार या अरविंद केजरीवाल कैसे हुए जिम्मेदार?
भगवंत मान ने राष्ट्रीय सुरक्षा और पंजाब की सुरक्षा के लिए भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भारत सरकार का सहयोग मांगा। जिसके जवाब में प्रधानमंत्री ने उन्हें देश की सुरक्षा के संबंध में लाए गए हर प्रस्ताव का समर्थन करने का आश्वासन दिया।