नई दिल्ली (मा.स.स.). केंद्र सरकार के इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर निर्माताओं को आग लगने की घटनाओं की जांच होने तक नए वाहन लॉन्च नहीं करने की बात झूठी साबित हुई है। प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (पीआईबी) फेक्ट चेक ने इस खबर को फेक करार दिया है। रिपोर्ट में कहा गया कि जिन निर्माताओं के पास बिजली के टू व्हीलर्स में आग लगने की घटना नहीं हुई है, उन्हें भी अपने बेचे गए वाहनों पर सुधारात्मक कार्रवाई करने के लिए कहा गया है। इस रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए अब PIB फेक्ट चेक ने इसे फेक करार दिया है।
जब ईवी में आग लगने के मामले एक के बाद एक सामने आने लगे तब सरकार ने ईवी कंपनियों के ऊपर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। जिसके बाद कई कंपनियों ने अपने ईवी को रिकॉल किया। Okinawa ने 3,215 स्कूटरों वापस बुलाने के लिए रिकॉल जारी किया। प्योर EV ने भी 2,000 यूनिट्स को रिकॉल किया। वहीं, ओला इलेक्ट्रिक ने भी 1,441 स्कूटरों को वापस बुलाने के लिए रिकॉल किया है। कई दूसरी छोटी कंपनियां भी अपने इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर को रिकॉल कर रही हैं।
इलेक्ट्रिक स्कूटर में आग लगने का पहला मामला 26 मार्च को सामने आया था, जब पुणे में एक ओला ए1 प्रो इलेक्ट्रिक स्कूटर में आग लग गई थी। इस घटना का एक वीडियो भी वायरल हुआ था। इसी 26 मार्च की शाम तमिलनाडु के वेल्लोर में ओकिनावा इलेक्ट्रिक स्कूटर में आगने की घटना सामने आई। इसके दो दिन बाद 30 मार्च को चेन्नई में प्योर ईवी के एक इलेक्ट्रिक स्कूटर में आग लगने की घटना सामने आई थी। नासिक में 11 अप्रैल को ट्रक में भरे स्कूटरों में आग लग गई थी। इसके बाद कई ऐसे मामले साने आ चुके हैं, जिनमें स्कूटरों में आग लगने वजह से कुछ लोगों की जान गंवानी पड़ी है।