लखनऊ (मा.स.स.). मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से विश्व बैंक के लीड कृषि विशेषज्ञ एण्ड्रयू गुडलैण्ड ने मुलाकात कर ‘कृषि विकास और ग्रामीण उद्यम पारिस्थितिकी तंत्र सुदृढ़ीकरण परियोजना’ के संबंध में विस्तार से चर्चा की। इस योजना पर 3500 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके जरिए किसानों की आमदनी दुगनी की जाएगी। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि पांच साल योजना में कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के जरिए कृषि आधारित उद्योगों का संचालन होगा। प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग तथा कृषि विभाग द्वारा इस परियोजना का प्रस्ताव विश्व बैंक को भेजा गया है। किसानों को प्राकृतिक खेती की तकनीकी जानकारी, खेती के लिए आवश्यक सुविधाओं की जानकारी दी जाएगी।
कृषक उत्पादक संगठनों को प्रोत्साहित करते हुए कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा देकर किसानों की आय बढ़ाना इस परियोजना का मूल उद्देश्य है। योजना के तहत कृषि एवं संबंधित उद्योगों तथा बुनियादी ढांचे में निवेश आकर्षित करने के लिए नीतिगत सुधार होंगे। सभी स्तरों पर क्षमता निर्माण एवं संबंधित संस्थाओं का सुदृढ़ीकरण इस परियोजना में शामिल होगा। बाजार जुड़ाव व मार्केट लिंकेज को बढ़ावा देना, बेहतर बाजार पहुंच के लिए उत्पादक संस्थानों को सहायता प्रदान करना, सामान्य सुविधा केन्द्र एवं गोदाम आदि सपोर्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाना तथा कृषि उद्यमों व उद्यमियों को बढ़ावा देना भी इस परियोजना में शामिल है।