इस्लामाबाद (मा.स.स.). पिछले कई दिनों से इमरान खान सरकार का संकट पूरी दुनिया के लिए चर्चा का विषय बना हुआ है. उनकी सरकार के खतरे में आने के बाद ही अंतरराष्ट्रीय मीडिया की नजरें पाकिस्तान की ओर हैं. ऐसे में कहा जा रहा है कि इन दिनों पाकिस्तान की सरकार अल्पमत में है और वहां 3 अप्रैल को फ्लोर टेस्ट होना है. इस बीच पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल बाजवा और ISI चीफ ने इमरान खान के घर पहुंच कर उने मीटिंग की. बाजवा और इमरान की मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे थे. खबर थी कि वो शाम को जनता को संबोधित करेंगे. लेकिन अब वो ऐसा नहीं कर रहे हैं. उन्होंने देश के नाम अपने संबोधन को टाल दिया है.
ऐसे में उन्होंने बड़ी चाल चलते हुए पाकिस्तान की सियासत में बड़ी हलचल ला दी है. वो लगातार इसे विदेशी साजिश कह रहे हैं और अपने पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं. उनका यह भी कहना है कि वे जल्द ही इसका खुलासा करेंगे. कई पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इमरान बुधवार शाम पाकिस्तान की जनता को संबोधित कर सकते हैं. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. ऐसे में उनके मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि वे इस्तीफा नहीं देंगे. हालांकि उम्मीद जताई जा रही थी कि वे इमरजेंसी जैसा कोई चकित करने वाला कदम उठा सकते हैं. इमरान खान के राष्ट्र को संबोधन करने का ऐलान ऐसे वक्त पर आया था, जब फ्लोर टेस्ट से पहले उन्हें बड़ा झटका लगा. दरअसल, MQM के 2 मंत्रियों ने इमरान की कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया. MQM इमरान खान की सरकार में सहयोगी पार्टी थी, लेकिन बुधवार को ही MQM ने विपक्षी पार्टियों से समझौता किया है.
आपको बता दें कि पाकिस्तान असेंबली में कुल 342 सदस्य हैं. ऐसे में बहुमत के लिए उन्हें 172 सदस्यों की जरूरत है. लेकिन MQM के इमरान खान का साथ छोड़ने के बाद विपक्ष के पास 177 सदस्यों का समर्थन हो जाएगा. जबकि इमरान खान के पास कुल 164 सदस्य ही रह गए हैं.