नई दिल्ली (मा.स.स.). पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने देश में कोयला संकट-बिजली संकट और इनकी वजह से ट्रेनें कैंसिल किए जाने पर चुटकी लेते हुए कहा ये सब दोष मोदी सरकार के रेलवे, पावर व कोयला मंत्री का नहीं कांग्रेस का है। पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने शनिवार को देश के कई राज्यों में बिजली की कटौती को लेकर केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा और बिजली कटौती को लेकर सरकार पर तंज कसते हुए चिदंबरम ने कहा कि पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कोयला, विशाल रेल नेटवर्क, थर्मल प्लांट्स की क्षमता जिसका पूरा इस्तेमाल भी नहीं हो रहा, फिर भी बिजली की भारी कमी है। चिदंबरम ने कहा कि मोदी सरकार को इस सब कारणों के लिए दोष नहीं दिया जा सकता है। यह कांग्रेस के 60 सालों के शासन के कारण हुआ है।
भारत करीब 200 गीगावॉट बिजली यानी करीब 70% बिजली का उत्पादन कोयले से चलने वाले प्लांट्स से करता है, लेकिन इस समय ज्यादातर प्लांट्स बढ़ती हुई बिजली की मांग और कोयले की कमी की वजह से कम बिजली सप्लाई कर पा रहे हैं। इस गैप को सरकार चाहकर भी नहीं भर सकती क्योंकि रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से इंटरनेशनल मार्केट में कोयले की कीमत 400 डॉलर यानी 30 हजार रुपए प्रति टन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं। इस संकट की एक और प्रमुख वजह ये है कि राज्यों ने कोल इंडिया को जरूरत से एक महीने पहले कोयले की मांग ही नहीं भेजी। साथ ही कई राज्यों ने निर्धारित समय पर कोयले का उठाव भी नहीं किया। गर्मी बढ़ने से बिजली की खपत भी तेजी से बढ़ी और कोयला कम पड़ने लगा और अचानक बिजली संकट खड़ा हो गया। इस संकट के अगले दो महीने तक बने रहने की आशंका है।