बीजिंग (मा.स.स.). कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते पिछले एक सप्ताह से अधिक समय से शंघाई शहर बंद पड़ा है और लोग सख्त प्रतिबंधों के चलते घरों में कैद रहने को मजबूर हैं. अधिकारी बीजिंग को ऐसी स्थिति से बचाने के लिए सक्रिय हो गए हैं और लोगों को को सख्त प्रतिबंध में रख रहे हैं. चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी का बहुत कुछ दांव पर लगा है, क्योंकि 25 मिलियन लोगों के साथ चीन के सबसे बड़े शहर शंघाई में पिछले दो वर्षों से अधिक समय में सबसे खराब हारात हैं. व्यवसाय और कारखाने बंद हो गए हैं, जिससे वित्तीय राजधानी की सड़कें खाली हो गई हैं.
पश्चिमी शंघाई में एक एक ऑफिस बिल्डिंग को आइसोलेशन सेंटर में बदला गया है और यहां 100 से अधिक लोग एक साथ रखे गए हैं. इतना ही नहीं एक साथ रखे बेड पर सोते हैं. इस बिल्डिंग में केवल चार बाथरूम हैं, जबकि कोई शॉवर भी नहीं. इसके साथ ही नाश्ते के लिए केवल एक ही विकल्प है और वो है सादा ब्रेड. शायद चीन अपने नागरिकों को जानवरों की तरह समझता है, इसीलिए सरकारी कर्मचारी लोगों के घरों के बाहर हरे रंग के लोहे के जाल लगा रहे हैं, ताकि वे बाहर न निकल सकें और घरों में कैद रहें. बड़ी-बड़ी बिल्डिंगों में अपने घरों के बाहर पिंजड़े की तरह जाल लगता देख नागरिक भी डरे हुए हैं. शंघाई के पुडोंग जिले को उच्च जोघिम वाला क्षेत्र घोषित किया गया है. सरकार यहां सख्ती कर रही है तो नागरिक कह रहे हैं कि उनके साथ जानवरों की तरह व्यवहार किया जा रहा है. लोगों ने पूछा कि क्या शंघाई में किसी नेता के घर के बाहर इस तरह की फेंसिंग लगाई जा सकती है? शंघाई के अन्य इलाकों का भी यही हाल है.