इस्लामाबाद (मा.स.स.). पाकिस्तान में जैसे-जैसे 3 अप्रैल नजदीक आ रही है वैसे ही अब इमरान खान सरकार की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं. ऐसे में इमरान खान भी अपनी ओर से सत्ता बचाने की पूरी कोशिश में लगे हुए हैं. वे पाकिस्तान की जनता को रिझाने के लिए लगातार कोशिश तो कर रहे हैं. पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने कहा, ‘मैं भाग्यशाली हूं कि भगवान ने मुझे सब कुछ दिया- प्रसिद्धि, धन, सब कुछ. मुझे आज किसी चीज की जरूरत नहीं है, उसने मुझे सब कुछ दिया जिसके लिए मैं बहुत आभारी हूं. पाकिस्तान मुझसे सिर्फ 5 साल बड़ा है, मैं आजादी के बाद पैदा होने वाले देश की पहली पीढ़ी से हूं.’
इमरान खान ने कहा कि हमने अमेरिका का हमेशा साथ दिया. लेकिन उसने पाकिस्तान पर प्रतिबंध लगाए. 9/11 को अमेरिका में हुए हमले में कोई पाकिस्तानी नहीं था. मुशर्रफ का अमेरिका का हिमायती बनना सबसे बड़ी गलती थी. इमरान खान ने कहा कि अमेरिका का हिमायती बनना मुशर्रफ की बड़ी गलती थी. मैं आजाद विदेश नीति का पक्षधर हूं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अमेरिका के साथ लड़ा और उसने ही प्रतिबंध लगा दिए. उन्होंने कहा कि मैं भारत या किसी और से विरोध नहीं चाहता. इमरान बोले, एक बच्चे के रूप में, मुझे याद है कि पाकिस्तान शीर्ष पर हुआ करता था. दक्षिण कोरिया यह जानने के लिए पाकिस्तान आया था कि हम कैसे आगे बढ़े, मलेशियाई राजकुमार मेरे साथ स्कूल में पढ़ते थे. मिडल ईस्ट हमारे विश्वविद्यालयों में आया करता था. मैंने यह सब डूबते देखा है, अपने देश का अपमान देखा है. उन्होंने स्पष्ट कहा कि मैं इस्तीफा नहीं दूंगा. इसका फैसला भी 3 अप्रैल को हो जाएगा.
इसी बीच 3 अप्रैल सुबह 11:30 बजे तक नेशनल असेंबली की कार्यवाही स्थगित कर दी गई है. बता दें कि 3 अप्रैल को इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होनी है. फवाद चौधरी ने यह भी बताया कि राष्ट्र के नाम संबोधन के साथ ही इमरान खान ने नेशनल सिक्योरिटी समिति को मीटिंग के लिए समन भी भेजा है. आपको बता दें कि प्रधानमंत्री इमरान खान के देश को संबोधन की खबरें बुधवार को भी पूरे दिन चलीं. लेकिन पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल बाजवा और ISI चीफ ने इमरान खान के घर पहुंच कर उनसे मीटिंग की. इसके बाद शाम होते ही खबर आ गई कि इमरान खान ने देश के नाम अपने संबोधन को टाल दिया है.