नई दिल्ली (मा.स.स.). भारत की G20 प्रेसीडेंसी की 4 से 7 दिसंबर 2022 तक निर्धारित पहली शेरपा बैठक में कल उदयपुर में अंतर्राष्ट्रीय शेरपाओं, उनके प्रतिनिधिमंडलों और आमंत्रित अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों का स्वागत किया गया। बैठक के पहले दिन जी 20 इंडिया शेरपा के साथ एक अनौपचारिक मीडिया बातचीत सहित विभिन्न गतिविधियों के साथ ‘सतत विकास लक्ष्यों’ पर बातचीत हुई। ये विकास लक्ष्य थे 2030 एजेंडा के मिडपॉइंट पर ट्रांसफॉर्मिंग लाइव्स। इसके अलावा जल सांझी कला का एक प्रदर्शन, प्रतिनिधियों के लिए एक नेटवर्किंग कार्यक्रम, एक डेजर्ट म्यूजिक सिम्फनी और विभिन्न सांस्कृतिक प्रदर्शन दिन भर चले।
ताज फतेह प्रकाश होटल के राजसी दरबार हॉल में आयोजित भारत के जी 20 प्रेसीडेंसी के पांच प्रमुख फोकस क्षेत्रों पर महत्वपूर्ण चर्चाओं की शुरुआत हुई। ‘तकनीकी परिवर्तन’ और ‘पर्यावरण के लिए हरित विकास और जीवन शैली’ पर पहले दो सत्रों के अलावा, ‘वैश्विक और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था: संभावनाएँ और चुनौतियाँ’ पर एक संवाद और जी 20 सदस्य देशों के बीच एक अनौपचारिक ‘चाय पर चर्चा’ भी आयोजित की गई। पहली शेरपा बैठक की वार्ता भारत के जी 20 शेरपा, अमिताभ कांत ने शुरू की जिन्होंने 13 कार्यकारी समूहों में भारत की जी 20 प्राथमिकताओं को प्रस्तुत किया। शेरपा ने विकसित और विकासशील देशों के बीच सभी की जीत वाला सहयोग बनाने के लिए जी 20 अध्यक्ष के रूप में अपनी भूमिका का उपयोग करते हुए, ग्लोबल साउथ की वास्तविक आवाज के रूप में भारत के कर्तव्य पर प्रकाश डाला।
वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव अजय सेठ ने दुनिया के सामने आज की प्रमुख आर्थिक चुनौतियों की रूपरेखा राखी जिसके लिए जी 20 देशों की सामूहिक क्षमता को एक होकर प्रतिक्रिया देने की आवश्यकता है। इसके बाद डिजिटल अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य और शिक्षा पर कार्य समूहों की भागीदारी के साथ तकनीकी परिवर्तन पर पहला सत्र हुआ जिसमें प्रतिनिधियों ने अपने देशों में विभिन्न क्षेत्रों में डिजिटलीकरण में तेजी लाने के लिए वर्तमान चुनौतियों पर चर्चा की। इसके अलावा, जी 20 देशों के प्रतिनिधियों, आमंत्रित अतिथियों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों ने कई तरीकों से प्रौद्योगिकी की शक्ति का बेहतर लाभ उठाने के लिए महत्वपूर्ण हस्तक्षेप साझा किए। अन्य विषयों के अलावा, साइबर सुरक्षा के महत्व, तकनीकी सेवाओं और बुनियादी ढांचे तक पहुंच के विस्तार में समावेशिता, और डिजिटल स्किलिंग पर चर्चा की गई।
पर्यावरण के लिए हरित विकास और जीवन शैली पर दूसरे सत्र विचार हुआ जिसमें सामूहिक रूप से जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए प्रभावी रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित किया गया। भारत के जी 20 शेरपा ने सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में सामूहिक कार्रवाई को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर देते हुए हरित और ऊर्जा परिवर्तन को सुविधाजनक बनाने की आवश्यकता को रेखांकित किया। विकास, ऊर्जा संक्रमण, जलवायु स्थिरता कार्य समूह, और आपदा जोखिम लचीलेपन और न्यूनीकरण कार्य समूहों ने इस सत्र में भाग लिया। भागीदार देशों ने भारत की पहल की सराहना की और उसके एजेंडा को फलीभूत करने के लिए समर्थन और प्रतिबद्धता व्यक्त की।
इसके बाद “वैश्विक और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था: संभावनाएँ और चुनौतियाँ” पर एक संवाद आयोजित किया गया। भारत में आईएमएफ के रेजिडेंट प्रतिनिधि लुइस ब्रेउर और आईएमएफ की रणनीति और नीति विभाग की उप निदेशक क्रिस्टीना कोस्तियाल, एक विचारोत्तेजक चर्चा में शामिल हुए और उन्होंने आज की सबसे अधिक दबाव वाली वैश्विक आर्थिक चुनौतियों पर ध्यान आकर्षित किया। इस संवाद ने प्रमुख चिंताओं से निपटने और आर्थिक उतार-चढ़ाव के प्रति अधिक लचीला बनने के लिए दुनिया के वास्ते महत्वपूर्ण विचार प्रस्तुत किए। इसके अतिरिक्त, गहरे पारस्परिक संबंधों को बढ़ावा देने और जी 20 सदस्य देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए शाम की चाय पर ‘चाय पे चर्चा’ आयोजित की गई।
उदयपुर के ऐतिहासिक माणक चौक के भ्रमण के दौरान, जी 20 शेरपाओं को राजस्थान के प्रामाणिक सांस्कृतिक अनुभव को और समृद्ध करने के लिए पारंपरिक भारतीय परिधान जैकेट, साफा/पगड़ी आदि भेंट किए गए। दूसरे दिन का समापन उदयपुर के शानदार जगमंदिर में रात्रि भोज पर संवाद के साथ हुआ।
भारत जी 20 शेरपाओं और प्रतिनिधिमंडलों को अपना सर्वश्रेष्ठ आतिथ्य प्रदान करना जारी रखे हुए है। भारत का उद्देश्य सांस्कृतिक गतिविधियों की श्रृंखला के माध्यम से, ऐतिहासिक स्थलों और दर्शनीय स्थलों की यात्रा, राजस्थानी कला और शिल्प का प्रदर्शन करके हमारे समृद्ध इतिहास और परंपराओं का एक अनूठा अनुभव एक झलक देना है। सफेद संगमरमर की वास्तुकला और खूबसूरत झीलों के लिए जाना जाने वाला शहर उदयपुर, प्रतिनिधिमंडलों को एक उल्लेखनीय और यादगार यात्रा की पेशकश कर रहा है।