नई दिल्ली. अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत नित नई उपलब्धियां हासिल कर रहा है। शनिवार सुबह इसरो ने पहला सूर्य मिशन ‘आदित्य-एल1’ लॉन्च किया। कुछ ही देर बाद, चंद्रयान-3 मिशन को लेकर बड़ा अपडेट आ गया। प्रज्ञान रोवर ने 100 मीटर का डिस्टेंस कवर कर लिया है। अब वह लैंडिंग साइट ‘शिव शक्ति पॉइंट’ पर मौजूद विक्रम लैंडर से 100 मीटर से ज्यादा की दूरी पर है और आगे बढ़ रहा है। इसरो ने चंद्रयान-3 मिशन का ताजा फोटो भी शेयर किया है। इसमें प्रज्ञान की मूनवॉक साफ नजर आ रही है। चांद पर जैसे ही सूरज ढलेगा और रात की शुरुआत होगी, प्रज्ञान और विक्रम निष्क्रिय हो जाएंगे। दरअसल, इन पर सोलर पैनल लगे हैं और ये सूरज की रोशनी से ही एनर्जी जुटाते हैं। जब सूरज ढलता है तो चांद पर तापमान -203 डिग्री सेल्सियस तक चला जाता है। इस तापमान में विक्रम और प्रज्ञान काम नहीं कर सकते। ऐसे में जब चांद पर 14 दिन रात रहेगी तो ये दोनों काम नहीं कर सकेंगे।
चंद्रयान-3 के चांद पर उतरने के करीब चार घंटे बाद प्रज्ञान रोवर बाहर निकला था। उसके बाद उसने विक्रम लैंडर के आसपास चहलकदमी की। विक्रम की कुछ तस्वीरें भी खींची। विक्रम ने भी दोस्त को अपने कैमरे में उतारा। ISRO चीफ एस सोमनाथ ने शनिवार को कहा कि चंद्रयान-3 के रोवर और लैंडर ठीक से काम कर रहे हैं। चूंकि चंद्रमा पर अब रात हो जाएगी इसलिए इन्हें ‘निष्क्रिय’ किया जाएगा। सोमनाथ ने कहा कि लैंडर ‘विक्रम’ और रोवर ‘प्रज्ञान’ अब भी काम कर रहे हैं और ‘हमारी टीम अब वैज्ञानिक साजो-सामान के साथ ढेर सारा काम कर रही है।’ उन्होंने कहा, ‘अच्छी खबर यह है कि लैंडर से रोवर कम से कम 100 मीटर दूर हो गया है और हम आने वाले एक या दो दिन में इन्हें निष्क्रिय करने की प्रक्रिया शुरू करने जा रहे हैं, क्योंकि वहां (चांद पर) रात होने वाली वाली है।’
साभार : नवभारत टाइम्स
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