टोरंटो. कनाडा के PM जस्टिन ट्रूडो ने एक बार फिर से कहा है कि वो भारत के साथ तनाव को बढ़ाना नहीं चाहते हैं। उन्होंने दोनों देशों के रिश्तों को फिलहाल बेहद चुनौतीपूर्ण बताया है। ओटावा में मीडिया से बात करते हुए ट्रूडो ने कहा- कनाडा के लिए ये जरूरी है कि हमारे डिप्लोमैट्स भारत में मौजूद रहें। हम लगातार ऐसे कदम उठाते रहेंगे, जिससे मुश्किल समय में भी भारत के साथ बेहतर रिश्ते बना सकें।
दूसरी तरफ, कनाडा की विदेश मंत्री मेलेनी जोली ने कहा है कि डिप्लोमैटिक संकट से निकलने के लिए वो भारत के साथ प्राइवेट बातचीत करना चाहती हैं। जोली ने कहा- हम भारत सरकार के साथ संपर्क में हैं। हमारे लिए कनाडा के डिप्लोमैट्स की सुरक्षा बेहद जरूरी है। हम भारत के साथ प्राइवेट लेवल पर बातचीत जारी रखेंगे, क्योंकि कूटनीतिक मामलों को आपसी बातचीत के जरिए सबसे बेहतर तरह से सुलझाया जा सकता है।
रिपोर्ट में दावा- भारत ने कनाडा से 41 डिप्लोमैट्स वापस बुलाने को कहा
दरअसल, मंगलवार को फाइनेंशियल टाइम्स ने एक रिपोर्ट जारी की थी। इसमें दावा किया गया था कि भारत ने कनाडा से उनके 41 डिप्लोमैट्स को वापस बुलाने को कहा है। इन डिप्लोमैट्स को भारत छोड़ने के लिए 10 अक्टूबर की डेडलाइन दी गई है। इतना ही नहीं, रिपोर्ट के मुताबिक, डेडलाइन के बाद इन 41 में से जो डिप्लोमैट भारत में रह जाएंगे, उनको मिलने वाली छूट और दूसरे फायदे (डिप्लोमैटिक इम्यूनिटी) बंद कर दिए जाएंगे। कनाडा के भारत में करीब 62 डिप्लोमैट्स काम करते हैं। 10 अक्टूबर के बाद देश में केवल 21 कनाडाई डिप्लोमैट्स ही बचेंगे।
विदेश मंत्रालय ने दोनों देशों के डिप्लोमैट्स बराबर करने को कहा था
इससे पहले विदेश मंत्रालय ने कहा था कि हमने कनाडा से साफ कह दिया है कि डिप्लोमैट्स की संख्या दोनों देशों में बराबर होनी चाहिए। ये वियना कन्वेंशन के तहत जरूरी है। कनाडा के PM ट्रूडो ने 18 सितंबर को भारत सरकार पर खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था। इसके बाद उन्होंने भारत के एक डिप्लोमैट को भी निकाल दिया था। कनाडा के इस एक्शन का जवाब देते हुए भारत ने भी उनके एक डिप्लोमैट को देश छोड़ने के लिए कहा था। इसके बाद भारत ने कनाडाई नागरिकों के लिए वीजा सेवाएं भी बंद कर दी थीं।
ट्रूडो ने कहा था- भारत के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं
28 सितंबर को भी ट्रूडो ने भारत पर निज्जर की हत्या का आरोप लगाने के करीब 11 दिन बाद रिश्ते बेहतर करने की बात कही थी। ट्रूडो ने कहा था- वैश्विक स्तर पर भारत का महत्व लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में जरूरी है कि कनाडा और उसके सहयोगी ग्लोबल स्टेज पर भारत के साथ मिलकर काम करें। ट्रूडो ने कहा था- भारत लगातार आर्थिक स्तर पर विकास कर रहा है और जियोपॉलिटिक्स में अहम भूमिका निभाता है। हम भारत के साथ पूरी गंभीरता से बेहतर रिश्ते बनाने के लिए तैयार हैं, लेकिन कनाडा में कानून का शासन है। हम फिर से इस बात पर जोर दे रहे हैं कि भारत कनाडा के साथ मिलकर निज्जर मामले की तह तक जाने में मदद करे।
जयशंकर बोले- कनाडा में हमारे डिप्लोमैट्स को धमकाया जाता है
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने न्यूयॉर्क में डिस्कशन एट काउंसिल फॉर फॉरेन रिलेशन्स में कई सवालों के जवाब दिए थे। उन्होंने कहा था- कनाडा में अलगाववादी ताकतों, हिंसा और उग्रवाद से जुड़ा अपराध पनप रहा है। कनाडा में हमारे डिप्लोमैट्स को डराया-धमकाया जाता है, हमारे कॉन्सुलेट पर हमले होते हैं।
विदेश मंत्री ने बताया था- भारत ने कनाडा को अपराधों और आतंकियों पर बहुत सारी जानकारी दी है और कई लोगों की प्रत्यपर्ण की भी रिक्वेस्ट की है। हमने कनाडा को बताया है कि ये हमारी पॉलिसी नहीं है। फिर भी अगर उनके पास कुछ स्पेसिफिक है तो वो हमें बताएं। बिना पूरी जानकारी के कोई भी कदम नहीं उठाया जा सकता है। जयशंकर ने इस बात पर भी चिंता जताई थी कि कनाडा राजनीतिक कारणों से इन मामलों में बहुत ढिलाई दे रहा है।
साभार : दैनिक भास्कर
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