मुंबई. तीन चौथाई भारतीय 2000 रुपये के नोट को बदलने की जगह अपने बैंक खातों में जमा कराना पसंद कर रहे हैं। लोगों के इस चलन की वजह से बैंकों के जमा में बढ़ोतरी की उम्मीद है। छह सरकारी और निजी क्षेत्र के बैंकरों का दावा है कि 23 मई, 2023 से अब तक 2000 रुपये के जितने भी नोट बैंकों में आए हैं, उनमें से 80 फीसदी से ज्यादा लोगों ने खाते में जमा किए हैं। बैंकरों का कहना है कि लोगों की इस प्रवृत्ति (2000 के नोट जमा करने) से बैंकों में कुल जमा मौजूदा 10.9 फीसदी के स्तर से बढ़ जाएगा। बैंक ऑफ बड़ौदा की अर्थशास्त्री दीपनविता मजूमदार ने कहा कि सितंबर, 2023 तक 2000 रुपये के कुल नोटों के 75 फीसदी जमा होने से बैंक के जमा में 2.7 लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हो सकती है।
एसबीआई के एक अधिकारी ने बताया कि शुरुआती धारणा को देखें तो यह अनुमान लगाया जा सकता है कि 2000 रुपये के नोट जमा होने से बैंक जमाओं में कम-से-कम 1.5 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि होगी। इसमें एसबीआई की हिस्सेदारी 22 से 25 फीसदी होगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 23 मई से 2000 रुपये के नोट बदले या जमा किए जा रहे हैं। इस समय-सीमा के पहले सप्ताह में एसबीआई को 170 अरब रुपये मूल्य के 2000 रुपये के नोट प्राप्त हुए। इनमें से 82 फीसदी या 140 अरब रुपये मूल्य के नोट खाते में जमा हुए हैं, जबकि बाकी बदले गए हैं। बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ इंडिया के अधिकारियों का दावा है कि अब तक कुल प्राप्त 2000 रुपये के नोटों के 80-90 फीसदी खाते में जमा किए गए हैं।
कोटक महिंद्रा बैंक के समूह अध्यक्ष एवं उपभोक्ता बैंकिंग समूह के प्रमुख विराट दीवानजी ने कहा, 23 मई से जमा करने या बदलने की सुविधा शुरू होने से 30 मई तक 30 अरब रुपये से अधिक मूल्य के 2000 रुपये के नोट प्राप्त हुए हैं। इनमें से 80-85 फीसदी जमा हुए हैं।निजी क्षेत्र के दो बड़े बैंकों में भी नोट जमा करने को लेकर कुछ ऐसी ही स्थिति है, लेकिन इन बैंकों के अधिकारियों ने अपना नाम नहीं बताया।केंद्रीय बैंक ने जब नोट वापस लेने की घोषणा की थी, उस समय 3.6 लाख करोड़ रुपये मूल्य के 2000 रुपये के नोट चलन में थे। अब तक 2000 रुपये के कितने नोट बदले गए या जमा हुए, इसकी जानकारी अभी उपलब्ध नहीं है। आरबीआई के मुताबिक, 26 मई को समाप्त सप्ताह में चलन में मुद्रा (सीआईसी) का मूल्य घटकर 365 अरब रुपये रह गया।
2000 रुपये के नोट बदलने या जमा करने के लिए 30 सितंबर, 2023 अंतिम तिथि है। यह सीमा खत्म होने में चार महीने बाकी हैं। बैंकों को उम्मीद है कि इस अवधि तक लगभग पूरी राशि बैंकिंग प्रणाली में वापस आ जाएगी। एसबीआई के सौम्य कांति घोष ने कहा, 3.6 लाख करोड़ की लगभग पूरी रकम बैंकिंग प्रणाली में वापस आ जाएगी।
साभार : अमर उजाला
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