नई दिल्ली (मा.स.स.). देश की ऊर्जा मांग को पूरा करने में सहायता प्रदान करने की अपनी प्रतिबद्धता के हिस्से के रूप में कोयला मंत्रालय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के विज़न का सक्रिय रूप से अनुपालन कर रहा है। कोयला मंत्रालय ने 18 जून, 2020 को सीएम (एसपी) अधिनियम, 2015 और एमएमडीआर अधिनियम, 1957 के तहत 38 कोयला खदानों की वाणिज्यिक नीलामी की पहली किश्त की शुरूआत की थी। अब तक, वाणिज्यिक कोयला खदानों की छह किश्तों की नीलामी पूरी हो चुकी है और कुल 87 कोयला खदानों की सफलतापूर्वक नीलामी की गई है, इनकी संचयी पीआरसी 220.52 मिलियन टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) है और इनसे कुल अधिकतम दर क्षमता पर उत्पादन को ध्यान में रखते हुए 33,231 करोड़ रुपये का अनुमानित वार्षिक राजस्व जुटाए जाने की उम्मीद है।
कोयला मंत्रालय ने वर्ष 2022-23 में कैप्टिव और वाणिज्यिक कोयला खदानों से 115.77 मिलियन टन कोयला उत्पादन अर्जित किया है। इसके अलावा देश की ऊर्जा जरूरतों को सुनिश्चित करने के बारे में कोयला मंत्रालय 12 अप्रैल, 2023 को नई दिल्ली में कैप्टिव और वाणिज्यिक कोयला ब्लॉकों के आवंटियों के साथ एक संवादमूलक सत्र का आयोजन कर रहा है। इस सत्र में कोयला क्षेत्र को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए कोयला मंत्रालय द्वारा लागू किए गए महत्वपूर्ण सुधारों का प्रदर्शन किया जाएगा और घरेलू कोयला उत्पादन का विस्तार करने, आयातित कोयले की मांग को कम करने तथा देश में कारोबार को आसान बनाने की सुविधा के लिए सभी हितधारकों से फीडबैक और सुझाव आमंत्रित करेगा।
मंत्रालय वित्त वर्ष 2022-23 के लिए वास्तविक कोयला उत्पादन के साथ-साथ वर्ष 2023-24 के लिए कोयले के उत्पादन लक्ष्यों की भी समीक्षा करेगा। कोयला मंत्रालय में सचिव अमृत लाल मीणा इस कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे और एम. नागराजू, अपर सचिव और नामित अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे।
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