नई दिल्ली (मा.स.स.). स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग (डीएचआर) के सचिव और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने कहा है कि अधिकतर लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंतित रहते हैं और हाल में कोविड महामारी ने आम लोगों को स्वास्थ्य और वैज्ञानिक अनुसंधान की बारीकियों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया है। उन्होंने कहा कि विज्ञान संचार व्यवहार में बदलाव लाता है और विज्ञान प्रगति तथा साइंस रिपोर्टर जैसी लोकप्रिय विज्ञान पत्रिकाएं इस दिशा में बहुत प्रभावी भूमिका निभाती हैं। डॉ. राजीव बहल 10 अप्रैल, 2023 को आईसीएमआर मुख्यालय में सीएसआईआर की लोकप्रिय विज्ञान पत्रिकाओं के स्वास्थ्य विशेषांकों के लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रहे थे।
इस अवसर पर सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर की निदेशक प्रो.रंजना अग्रवाल ने कहा कि सीएसआईआर की ये दोनों पत्रिकाएं सात दशकों की विरासत को आगे बढ़ाती हैं और प्रामाणिक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी ज्ञान के प्रसार के माध्यम से समाज में वैज्ञानिक सोच पैदा करने में महत्वपूर्ण दायित्व निभा रही हैं। विशेषांकों में मानसिक स्वास्थ्य, महामारी विज्ञान, जीवन शैली संबंधी रोग, मातृ और मौखिक स्वास्थ्य, बाल विवाह के स्वास्थ्य परिणामों जैसे कई स्वास्थ्य संबंधी लेख शामिल किए गए हैं। इन विषयों के लेखक आईसीएमआर प्रयोगशालाओं के कार्यरत वैज्ञानिक हैं, जो 16 नवंबर, 2022 को सीएसआईआर-एनआईएससीपीआर में आयोजित कार्यशाला में एक साथ आए थे और यह उस कार्यशाला का एक ठोस परिणाम है।
कार्यक्रम में साइंस रिपोर्टर के संपादक हसन जावेद खान और विज्ञान प्रगति के संपादक डॉ. मनीष मोहन गोरे ने भी अपने विचार साझा किए। डीएचआर के वरिष्ठ वित्तीय सलाहकार डॉ. राजीव, आरएमआरसी, गोरखपुर के निदेशक डॉ रजनी कांत, आईसीएमआर में विभागों के प्रमुख, आईसीएमआर के वैज्ञानिक डॉ. एन्ना डोगरा, सीएसआईआर-एनआईएसपीआर की वरिष्ठ वैज्ञानिक सुसोनाली नागर और विज्ञान प्रगति की सहायक संपादक सुशुभदा कपिल, विज्ञान पत्रकार पल्लव बागला भी शामिल हुए।
भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं