देहरादून. उत्तराखंड हाई कोर्ट (Uttarakhand High Court) ने 22 साल की अविवाहित हिंदू लड़की को हरिद्वार स्थित पिरान कलियर शरीफ दरगाह (Piran Kaliyar Dargah) में नमाज पढ़ने की इजाजत दे दी है। मध्य प्रदेश की निवासी युवती ने कहा कि उसने ना तो धर्म बदला है और ना ही किसी मुस्लिम से शादी की है। युवती ने बताया कि उसे दरगाह पसंद आने की वजह से नमाज पढ़ना चाहती है। साथ ही उसने दक्षिणपंथी कट्टरवादी संगठनों से खतरे की बात बताई, जिसके बाद कोर्ट ने पुलिस को सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश भी दिया है।
मध्य प्रदेश के नीमच की निवासी युवती और उसके पुरुष दोस्त ने मिलकर कोर्ट में याचिका लगाई है। दोनों हरिद्वार की एक फार्मास्युटिकल फर्म में काम करते हैं और बीते दो साल से एक साथ ही रहते हैं। हाई कोर्ट में अर्जी में उन्होंने कुछ लोगों की तरफे से धमकी मिलने की बात भी कही। उन्होंने 13वीं सदी के चिश्ती मत के सूफी संत की दरगाह पिरान कलियार में नमाज पढ़ने को लेकर इजाजत भी मांगी।
हाई कोर्ट ने जब इसके पीछे की वजह पूछी तो लड़की ने बताया कि उसने ना तो इस्लाम धर्म कबूला है और ना ही मुस्लिम से शादी की है। मुझे वो जगह पसंद है बस और कोई वजह नहीं है। उसने बिना किसी डर और बिना दबाव के दरगाह में नमाज पढ़ने की इजाजत मांगी है।याचिकाकर्ता की वकील शीतल सेलवाल ने कहा कि जस्टिस मनोज कुमार तिवारी और पंकज पुरोहित की डिवीजन बेंच ने याची को स्थानीय पुलिस स्टेशन में सुरक्षा मुहैया कराने को लेकर पत्र देने का निर्देश भी दिया है। मामले की अगली सुनवाई 22 मई की तारीख को है।
साभार : नवभारत टाइम्स
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