पणजी (मा.स.स.). जी20 स्वास्थ्य कार्य समूह की दूसरी बैठक आज गोवा में आयोजित की गई। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने उद्घाटन के अवसर पर मुख्य भाषण और केंद्रीय पर्यटन, पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग राज्य मंत्री श्रीपद नाइक ने विशेष भाषण दिया। इस बैठक में नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ.वी.के पॉल, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण और जी20 सदस्य देशों, विशेष आमंत्रित देशों, अंतरराष्ट्रीय संगठनों, मंचों के अन्य प्रतिनिधि तथा भागीदार उपस्थित रहे।
डॉ. भारती प्रवीण पवार ने कहा कि भारत की जी20 प्राथमिकताएं संशोधित बहुपक्षवाद पर ध्यान केंद्रित करती हैं जो 21वीं सदी की कई चुनौतियों से निपटने के लिए जवाबदेह, समावेशी, न्यायसंगत और प्रतिनिधि मंच का सृजन करती हैं। उन्होंने वैश्विक स्वास्थ्य तैयारी में भारत की प्राथमिकताओं और योगदान पर जोर दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस संदेश को दोहराया कि भारत की जी20 अध्यक्षता का विषय “एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य” उद्देश्य की एकता और कार्य की जरूरत को दर्शाता है और भारत वैक्सीन के लिए समान पहुंच, निदान, रोग चिकित्सा के साथ लचीली स्वास्थ्य सेवा आपूर्ति प्रणालियों की दिशा में चल रही पहलों को समावेशी बनाने के लिए अथक प्रयास कर रहा है ताकि यह सुनिश्चित हो कि कोई भी पीछे न छूट जाए।
उन्होंने कहा कि वैश्विक स्वास्थ्य क्षेत्र में चल रहे विचार-विमर्श की गति का लाभ उठाने की आवश्यकता है और सहयोगी निगरानी, सामुदायिक सुरक्षा, चिकित्सा के उपायों तक पहुंच एवं आपातकालीन तालमेल जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करने की भी आवश्यकता है। डॉ. पवार ने कहा कि हम इस बारे में कुछ निश्चित नहीं कह सकते कि अगली स्वास्थ्य आपात स्थिति हमें कब प्रभावित कर सकती है। हम आईएनबी प्रक्रिया या आईएचआर सुधारों की प्रतीक्षा भी नहीं कर सकते है। डॉ. भारती पवार ने कहा कि उन्होंने वैश्विक प्रतिचिकित्सा समन्वय मंच के साथ-साथ भविष्य के स्वास्थ्य आपातकालीन प्रबंधन, अनुसंधान एवं विकास नेटवर्क वैक्सीन के विनिर्माण और रोग चिकित्सा के साथ-साथ निर्माण पर आम सहमति विकसित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया है।
श्रीपद नाइक ने स्वास्थ्य और कल्याण पर्यटन को बढ़ावा देने में हुई भारत की प्रगति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि देश में पिछले एक साल में 14 लाख से अधिक चिकित्सा पर्यटक आए हैं, जिससे भारत चिकित्सा पर्यटन का एक शीर्ष स्थल बन गया है। उन्होंने प्रतिनिधियों से यह अनुरोध किया कि वे सामूहिक रूप से अधिक समग्र और स्थायी दृष्टिकोण स्थापित करने में योगदान दें। उन्होंने यह भी अनुरोध किया कि वे वैश्विक स्वास्थ्य संरचना के विभिन्न पहलुओं पर सार्थक विचार-विमर्श में शामिल हों।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने महामारी के जोखिमों को कम करने के लिए “एक स्वास्थ्य” दृष्टिकोण के माध्यम से विगत की तुलना में स्वास्थ्य प्रणालियों में बहुत अधिक निवेश करने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने वैक्सीन और रोग चिकित्सा की उपलब्धता सुनिश्चित करके कोविड-19 की रोकथाम और नियंत्रण को जारी रखने की जरूरत पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि जहां महामारी आपातकालीन तैयारी और प्रतिक्रिया के सभी पहलू महत्वपूर्ण हैं, वहीं इस महामारी की रोकथाम के लिए तैयारियों और प्रतिक्रया की तुलना में कम वित्तपोषण मिल रहा है। इसके बारे में उन्होंने कहा कि भारत निगरानी, प्रयोगशाला प्रणालियों और सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यबल को मजबूती प्रदान करने के बारे में ध्यान केंद्रित करने के लिए महामारी कोष द्वारा प्रस्ताव करने के पहले आह्वान का स्वागत करता है।
उन्होंने जी20 के सदस्य देशों को विभिन्न बहुपक्षीय मंचों जैसे जी7, विश्व बैंक, महामारी कोष आदि के तहत अनेक स्वास्थ्य पहलों को आपस में जोड़ने के लिए काम करने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि एक चुस्त और उद्देश्य के लिए उपयुक्त वैश्विक स्वास्थ्य संरचना तैयार की जा सके। इंडोनेशियाई और ब्राजील ट्रोइका सदस्यों ने स्वास्थ्य प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित करने के लिए भारतीय अध्यक्षता पद की सराहना की। उन्होंने वैश्विक स्वास्थ्य संरचना को मजबूत बनाने और सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज सुनिश्चित करने के प्रयासों में तेजी लाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
एस. अपर्णा सचिव, औषधि विभाग, डॉ. राजीव बहल सचिव, स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग और महानिदेशक, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद, लव अग्रवाल अपर सचिव, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी और जी20 सदस्य देशों, विशेष आमंत्रित देशों, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों, मंचों के प्रतिनिधि और भागीदार भी इस बैठक में शामिल हुए।
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