कोलकाता. पश्चिम बंगाल (West Bengal) में अगले माह पंचायत चुनाव होने जा रहे हैं. पंचायत चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद से ही पश्चिम बंगाल में हिंसा और बवाल मचा हुआ है. राज्य के तमाम इलाकों में हिंसा की घटनाएं हो रही हैं. ऐसे में यहां पर किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो, इसको लेकर अब केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों (Security Forces) की तैनाती का निर्णय लिया है.
गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने पंचायत चुनावों (Panchayat General Elections) के मद्देनजर तत्काल प्रभाव से सीएपीएफ/एसएपी/आईआर बटालियन की अतिरिक्त 315 कंपनियां तैनात करने का निर्णय लिया है. इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य चुनाव आयोग (SEC) की मांग पर 22 कंपनियों की तैनाती को मंजूरी दी थी. वहीं, गुरुवार को एसईसी ने पश्चिम बंगाल के समग्र जिलों के लिए और अधिक केंद्रीय बलों की एक और मांग गृह मंत्रालय के पास भेजी थी. बताते चलें कि पश्चिम बंगाल राज्य में 3,317 ग्राम पंचायतें हैं. इन ग्राम पंचायतों की 63,229 पंचायत समितियों की 9,730 सीटों और 22 जिला परिषदों की 928 सीटों यानी कुल 73,887 सीटों के लिए 8 जुलाई को मतदान होगा.
इससे पहले भी पंचायत चुनावों के दौरान हिंसा की घटनाएं हुईं
पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनावों से पहले अक्सर हिंसा की घटनाएं होती रही हैं. यह पहला मौका नहीं है जब यहां पर हिंसा की घटनाएं हुई हों. इससे पहले वर्ष 2018 में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने पंचायतों की करीब 90 फीसदी सीटों के अलावा सभी 22 जिला परिषदों पर कब्ज़ा कर लिया था. उस समय भी बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी और विपक्ष ने आरोप लगाया था कि तृणमूल कांग्रेस के लोगों ने ज्यादातर विपक्षी उम्मीदवारों को या तो नामांकन पत्र ही दाखिल नहीं करने दिया या फिर उसे वापस लेने पर मजबूर कर दिया. उससे पहले भी साल 2013 में केंद्रीय बलों की निगरानी में हुए पंचायत चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने करीब 85 फीसदी सीटें जीती थीं.
साभार : न्यूज़18
भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं