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भारत के सामर्थ्य का साक्षी बनने जा रहा है सितंबर का महीना : नरेंद्र मोदी

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नई दिल्ली. पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने अपने मासिक रेडियो शो ‘मन की बात’ (Mann Ki Baat) के 104वें एपिसोड को संबोधित किया. पीएम मोदी ने कहा कि आज ऐसे बहुत से लोग हैं, जो डेयरी को अपना कर इसे Diversify कर रहे हैं. राजस्थान के कोटा में डेयरी फार्म चला रहे अमनप्रीत सिंह के बारे में भी आपको ज़रूर जानना चाहिए. उन्होंने डेयरी के साथ बायोगैस पर भी फोकस किया और दो बायोगैस प्लांट लगाए. इससे बिजली पर होने वाला उनका खर्च करीब 70 प्रतिशत कम हुआ है. इनका यह प्रयास देशभर के डेयरी किसानों को प्रेरित करने वाला है.आज कई बड़ी डेयरी, बायोगैस पर फोकस कर रही हैं. इस प्रकार के समुदाय आधारित वैल्यू एडिशन बहुत उत्साहित करने वाले हैं. मुझे विश्वास है कि देशभर में इस तरह के ट्रेंड निरंतर जारी रहेंगे.

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि संस्कृत दुनिया की सबसे प्राचीन भाषाओं में से एक है. इसे कई आधुनिक भाषाओं की जननी भी कहा जाता है. आज लोगों में संस्कृत को लेकर जागरूकता और गर्व का भाव बढ़ा है. इसके पीछे बीते वर्षों में देश का विशेष योगदान भी है. पीएम मोदी ने कहा कि हमारी संस्कृति से जुड़ने की, हमारी परम्परा का बहुत बड़ा सशक्त माध्यम होती है हमारी मातृभाषा. ऐसे ही भारत की एक और मातृभाषा है, गौरवशाली तेलुगू भाषा। 29 अगस्त तेलुगू दिवस मनाया जायेगा. आप सभी को तेलुगू दिवस की बहुत-बहुत बधाई.

भारत ने G-20 को ज्यादा inclusive फोरम बनाया
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि अपनी प्रेसीडेंसी के दौरान भारत ने G-20 को और ज्यादा inclusive forum बनाया है. भारत के निमंत्रण पर ही अफ्रीकन यूनियन भी G-20 से जुड़ी और अफ्रीका के लोगों की आवाज दुनिया के इस अहम मंच तक पहुंची. देश के 60 शहरों में इससे जुड़ी करीब-करीब 200 बैठकों का आयोजन किया गया. G-20 के प्रतिनिधि जहां भी गए, वहां लोगों ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया. पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस बार 15 अगस्त के दौरान देश ने ‘सबका प्रयास’ का सामर्थ्य देखा. सभी देशवासियों के प्रयास ने ‘हर घर तिरंगा अभियान’ को वास्तव में ‘हर मन तिरंगा अभियान’ बना दिया. तिरंगे के साथ Selfie Post करने में भी इस बार देशवासियों ने नया Record बना दिया.

G-20 प्रेसीडेंसी ‘पीपुल्स प्रेसीडेंसी’ 
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि G-20 की हमारी Presidency, People’s Presidency है, जिसमें जनभागीदारी की भावना सबसे आगे है. G-20 के जो ग्यारह Engagement Groups 2, 3-4 Academia, Civil Society, युवा, महिलाएं, हमारे सांसद, Entrepreneurs और Urban Administration से जुड़े लोगों ने अहम भूमिका निभाई. इसे लेकर देशभर में जो आयोजन हो रहे हैं, उनसे, किसी न किसी रूप से डेढ़ करोड़ से अधिक लोग जुड़े हैं. जनभागीदारी की हमारी इस कोशिश में एक ही नहीं, बल्कि दो-दो विश्व record भी बन गए हैं. वाराणसी में हुई G-20 Quiz में 800 स्कूलों के सवा लाख Students की भागीदारी एक नया विश्व रिकॉर्ड बन गया. वहीं, लंबानी कारीगरों ने भी कमाल कर दिया. 450 कारीगरों ने करीब 1800 Unique Patches का आश्चर्यजनक Collection बनाकर, अपने हुनर और Craftsmanship का परिचय दिया है.

G-20 लीडर्स समिट के लिए भारत पूरी तरह तैयार
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि सितम्बर का महीना, भारत के सामर्थ्य का साक्षी बनने जा रहा है. अगले महीने होने जा रही G-20 लीडर्स समिट के लिए भारत पूरी तरह से तैयार है. इस आयोजन में भाग लेने के लिए 40 देशों के राष्ट्राध्यक्ष और अनेक Global Organisations राजधानी दिल्ली आ रहे हैं. G-20 Summit के इतिहास में ये अब तक की सबसे बड़ी भागीदारी होगी. अपनी Presidency के दौरान भारत ने G-20 को और ज्यादा inclusive forum बनाया है. भारत के निमंत्रण पर ही African Union भी G-20 से जुड़ी और अफ्रीका के लोगों की आवाज दुनिया के इस अहम platform तक पहुंची.

भारत की बेटियां अंतरिक्ष को भी चुनौती दे रहीं
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत की बेटियां अब अनंत समझे जाने वाले अंतरिक्ष को भी चुनौती दे रही हैं. किसी देश की बेटियाँ जब इतनी आकांक्षी हो जाएं, तो उसे, उस देश को, विकसित बनने से भला कौन रोक सकता है! पीएम मोदी ने कहा कि 23 अगस्त को भारत ने और भारत के चंद्रयान ने ये साबित कर दिया है कि संकल्प के कुछ सूरज चांद पर भी उगते हैं. मिशन चंद्रयान नए भारत की उस स्पिरिट का प्रतीक बन गया है, जो हर हाल में जीतना चाहता है, और हर हाल में, जीतना जानता भी है. भारत का मिशन चंद्रयान, नारीशक्ति का भी जीवंत उदाहरण है. इस पूरे मिशन में अनेकों महिला वैज्ञानिक और इंजीनियर सीधे तौर पर जुड़ी रही हैं. इन्होंने अलग-अलग सिस्टम प्रोजेक्ट डायरेक्टर, प्रोजेक्ट मैनेजर ऐसी कई अहम जिम्मेदारियां संभाली हैं.

साभार : न्यूज़18

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