इस्लामाबाद. पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में दो नाबालिग भाइयों का यौन उत्पीड़न और उनकी हत्या करने के दोषी एक मदरसा शिक्षक को मौत की सजा दी गई है. इसके अलावा उसके साथी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. अदालत के एक अधिकारी ने इस बात की जानकारी दी. तनवीर अहमद और उसके साथी नौमान ने लाहौर से लगभग 130 किलोमीटर दूर ओकारा शहर में फरवरी 2021 में छह वर्षीय एक लड़के और उसके 10 वर्षीय भाई का यौन उत्पीड़न किया.
अतिरिक्त जिला और सेशन जज सैयदा शहजादी नजफ ने मंगलवार (27 जून) को अहमद को उसके अपराधों के लिए मौत की सजा सुनाई, जबकि नौमान को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. जज सैयदा शहजादी नजफ ने उनमें से हर एक पर 10 लाख पाकिस्तानी रुपये का जुर्माना भी लगाया. अदालत के अधिकारी ने कहा कि अभियोजन पक्ष के तरफ से पेश किए गए सबूत और गवाह के बाद अदालत ने दोनों संदिग्धों को दोषी ठहराया. उन्होंने कहा कि दोषियों ने भी अपना अपराध कबूल कर लिया और कहा कि उन्होंने लड़कों का यौन उत्पीड़न करने के बाद उनका गला घोंट दिया. पाकिस्तान में मदरसा छात्रों पर उनके शिक्षकों के तरफ से यौन उत्पीड़न की लगातार घटनाएं हो रही हैं.
पाकिस्तान में बाल यौन शोषण
पाकिस्तान में बच्चों की सुरक्षा के लिए काम करने वाले एक गैर सरकारी संगठन साहिल की ओर से जारी एक रिपोर्ट से पता चला है कि 2022 में बाल यौन शोषण के कुल 4,253 मामले सामने आए. बाल यौन शोषण के ये मामले पाकिस्तान के सभी चार प्रांतों से सामने आए, जिनमें इस्लामाबाद राजधानी क्षेत्र (आईसीटी), पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान (जी-बी) शामिल हैं. आंकड़ों से पता चलता है कि इन मामलों में बाल यौन शोषण, अपहरण, लापता बच्चे और बाल विवाह के मामले शामिल हैं. आंकड़ों के आधार पर, पाकिस्तान में दुर्व्यवहार करने वाले बच्चों की संख्या प्रतिदिन 12 से अधिक होने का अनुमान है. लिंग विभाजन से पता चलता है कि बाल शोषण के कुल रिपोर्ट किए गए मामलों में से 2,325 पीड़ित लड़कियां है जो 55 फीसदी है और 1,928 लड़के है, जो 45 फीसदी है.
साभार : एबीपी न्यूज़
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