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मैं अपना संकल्प दोहराता हूँ, मेरे जीवन का हर पल देश को समर्पित है : नरेंद्र मोदी

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नई दिल्ली. PM नरेंद्र मोदी ने कन्याकुमारी के विवेकानंद रॉक मेमोरियल में 45 घंटे की ध्यान साधना की। वे 30 मई की शाम को कन्याकुमारी पहुंचे थे। उन्होंने स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा के सामने ध्यान लगाया। उन्होंने विवेकानंद शिला के पास स्थित तमिल कवि तिरुवल्लुवर की 133 फीट ऊंची प्रतिमा के दर्शन किए। उन्हें नमन किया। इसके बाद वे दोपहर 3 बजे विवेकानंद रॉक मेमोरियल से बाहर निकले। मोदी ने बाहर आकर संदेश दिया- फिर से ये संकल्प दोहराता हूं कि मेरे जीवन का हर पल देश को समर्पित है। मोदी ने कहा यह साधना अविस्मरणीय क्षणों में से एक रही। इस दौरान अलौकिक और अद्भुत ऊर्जा का अनुभव किया।

शनिवार (1 जून) को ध्यान का तीसरा दिन था। आज सूर्योदय के समय मोदी ने सूर्य को अर्घ्य दिया। ध्यान मंडपम की परिक्रमा की। आज की तस्वीरों में मोदी रुद्राक्ष की माला जपते, ध्यान मंडपम के कॉरिडोर में बैठे और स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा को नमन करते दिखाई दिए।कांग्रेस ने ध्यान के खिलाफ लगाई याचिका मोदी के ध्यान के खिलाफ तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी ने मद्रास हाईकोर्ट में याचिका दायर की। याचिका में कहा गया है कि प्रधानमंत्री की विवेकानंद रॉक यात्रा पर कोई आपत्ति नहीं कर सकता है, लेकिन लोकसभा चुनाव 2024 के 7वें फेज के कूलिंग पीरियड के दौरान उनकी यात्रा हिंदू भावनाओं को भड़काने और अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग करके वोट हासिल करने की कोशिश है। इसलिए इस पर कार्रवाई होनी चाहिए।

उधर, मोदी के कन्याकुमारी दौरे को लेकर एक संगठन थंगथाई पेरियार द्रविड़र कड़गम ने गुरुवार को मदुरै में प्रधानमंत्री के विरोध में काले झंडे दिखाए। इसी संगठन ने X पर #गोबैकमोदी (मोदी वापस जाओ) पोस्ट किया है।

ध्यान यात्रा करने पर चुनावी कानून के तहत कोई रोक नहीं

चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री की ध्यान यात्रा करने पर चुनावी कानून के तहत कोई रोक नहीं है। चुनाव आयोग ने इसी तरह की अनुमति 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान भी पीएम को दी थी। जानकार सूत्रों ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126 का हवाला दिया। इसमें मौन अवधि (साइलेंट पीरियड) के दौरान सार्वजनिक बैठकों या जनता के बीच चुनावी प्रचार और प्रदर्शन पर रोक का उल्लेख है। साइलेंट पीरियड मतदान प्रचार खत्म होने से वोटिंग खत्म होने तक का समय होता है। जानकारों के मुताबिक, इस कानून में वह क्षेत्र ही आता है, जहां वोटिंग होना है।

साभार : दैनिक भास्कर

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