नई दिल्ली. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी और रिमांड को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है। जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा की अदालत में सुनवाई हुई। केजरीवाल की ओर से सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी और एडवोकेट विक्रम चौधरी मौजूद हैं। ED की तरफ से ASG एसवी राजू ने पैरवी की। सिंघवी ने कहा- लेवल प्लेइंग को ध्यान में रखते हुए यह बहुत इम्पॉर्टेंट केस है। इसमें स्वतंत्र और निष्पक्ष लोकसभा चुनाव शामिल हैं, जो लोकतंत्र का हिस्सा है। इससे हमारा मूलभूत ढांचा बनता है। केजरीवाल की गिरफ्तारी से यह निश्चित हो गया है कि वो लोकतांत्रिक गतिविधियों में नहीं शामिल हो पाएंगे। हाईकोर्ट ने इस मामले में अपना निर्णय रिजर्व रखा है।
मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं क्योंकि पहला समन अक्टूबर 2023 को भेजा गया और गिरफ्तारी 21 मार्च को हुई। इससे दुर्भावना की बू आती है और इससे हमारे मूलभूत ढांचे को नुकसान पहुंच रहा है। मैं यहां राजनीति की नहीं, बल्कि कानून की बात कर रहा हूं। गिरफ्तारी की टाइमिंग इशारा करती है कि यह असंवैधानिक है। इस पर ED के वकील ASG राजू ने कहा- मान लीजिए कोई इलेक्शन से 2 दिन पहले मर्डर कर देता है तो क्या उसे गिरफ्तार नहीं किया जाएगा? क्या उसकी गिरफ्तारी मूलभूत ढांचे को नुकसान पहुंचाएगी। आप मर्डर करेंगे और कहेंगे कि मुझे गिरफ्तार नहीं किया जा सकता, क्योंकि इससे मूलभूत ढांचे को नुकसान होगा।
ASG राजू ने कहा- अपराधी और आरोपी यह नहीं कह सकते कि हम गुनाह करेंगे और हमें इसलिए गिरफ्तार नहीं किया जाएगा, क्योंकि चुनाव हैं। ये हास्यास्पद है। इससे तो अपराधियों को खुलेआम घूमने का लाइसेंस मिल जाएगा। हम अंधेरे में तीर नहीं चला रहे। हमारे पास वॉट्सऐप चैट, हवाला ऑपरेटर्स के बयान और इनकम टैक्स का डेटा भी है।
साभार : दैनिक भास्कर
भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं