नई दिल्ली. गृह मंत्रालय के दिल्ली के उप राज्यपाल के शक्तिओ में इजाफा करने के फैसले को आम आदमी पार्टी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने पर विचार कर रही है. 3 सितंबर को राष्ट्रपति ने दिल्ली के उप राज्यपाल की शक्तिओ में इजाफा किया. इससे फिर एक बार केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच तकरार बढ़ने कि उम्मीदें हैं. आज यानी 4 सितंबर को दिल्ली के डिप्टी मेयर आले मोहम्मद इकबाल ने पार्टी की राय रखते हुआ कहा कि गृह मंत्रालय के इस फैसले पर पार्टी कानूनविद की राय ले रही है और सुप्रीम कोर्ट जाने पर विचार कर रहे हैं.
क्या मिला नया अधिकार?
गृह मंत्रालय की ओर से जो गजट जारी किया गया है, उसके मुताबिक अब दिल्ली एलजी के पास किसी भी प्राधिकरण, बोर्ड, आयोग या किसी भी वैधानिक निकाय के गठन के लिए अधिकार होगा. इसके अलावा वह ऐसे किसी भी प्राधिकरण बोर्ड, आयोग और निकाय में किसी भी सरकारी अधिकारी या पदेन सदस्य की नियुक्ति कर सकेंगे. इसके लिए वह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अधिनियम की धारा 45 घर के तहत राष्ट्रपति की शक्तियां प्राप्त होंगी.
और बढ़ सकती है तकरार
केंद्र और दिल्ली सरकार के बिच इस फैसले से टकराव और बढ़ सकता है. पिछले कई सालों से चल रही तकरार में हमेशा ही ये मुद्दा रहा है कि दिल्ली में ज्यादा अधिकार किसके पास हैं. इसे लेकर केंद्र सरकार की ओर से एक अनिधिनयम भी लाया जा चुका है, जिसमें एलजी और सीएम के पास क्या क्या अधिकार हैं ये बताया गया था. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सीएम के पक्ष में फैसला सुनाया था. इसके बाद राष्ट्रपति ने पिछले साल दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक 2023 को मंजूरी दी थी.
सीएम केजरीवाल ने इसका विरोध किया था. दिल्ली और केंद्र सरकार के बिच तकरार का इतिहास रहा है. इसी तकरार का नतीजा है की दिल्ली के मुख्यमंत्री अभी जेल में है. मनीष सिसोदिया ,संजय सिंह समेत कई आम आदमी पार्टी के बड़े नेता जेल जा चुके है. आज ही दिल्ली नगर निगम की वार्ड कमेटी के सदस्य का चुनाव टालने को लेकर तकरार देखने को मिला जब दिल्ली की मेयर डॉ शैली ओबेरॉय ने 4 सितंबर यानि आज होने वाले वार्ड कमेटी के चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति से मना कर दिया था और चुनाव को असंवैधानिक बताया था. जबकि दिल्ली के उप राज्यपाल ने MCD कमिश्नर को आज यानी बुधवार को ही चुनाव कराने के निर्देश दिए है.
साभार : टीवी9 भारतवर्ष
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