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विपक्ष राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ ला सकता है महाभियोग प्रस्ताव

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नई दिल्ली: संसद का मॉनसून सत्र अब तक काफी हंगामेदार रहा है। शुक्रवार को राज्यसभा में जोरदार हंगामा देखने को मिला। सभापति जगदीप धनखड़ और सांसद जया बच्चन के बीच तीखी बहस हुई। राज्यसभा में सभापति और जया बच्चन के बीच बहस इतनी बढ़ गई कि अब जया बच्चन, सभापति से माफी की मांग कर रही हैं। उनका कहना है कि सभापति ने उनके साथ बदसलूकी की। विपक्ष इस मामले में सभापति के खिलाफ कार्रवाई चाहता है। विपक्ष सभापति धनखड़ के खिलाफ अनुच्छेद 67 के तहत महाभियोग प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रहा है। अनुच्छेद 67 बी के मुताबिक, उपराष्ट्रपति को राज्यसभा के सभी सदस्यों की ओर से पारित और लोकसभा की तरफ से सहमत एक प्रस्ताव द्वारा सभापति को हटाया जा सकता है। इसके लिए 14 दिन का नोटिस दिया जाता है।

क्यों आ गई ये नौबत?

समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन ने सभापति जगदीप धनखड़ की टोन पर सवाल उठाए। राज्यसभा में शुक्रवार को जया बच्चन और सभापति जगदीप धनखड़ के बीच तीखी नोकझोंक हो गई। धनखड़ ने जया बच्चन के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि राज्यसभा की एक वरिष्ठ सदस्य होने के नाते क्या आपके पास चेयर का निरादर करने का लाइसेंस है। इससे पहले जया बच्चन ने सभापति जगदीप धनखड़ की टोन पर अपना विरोध जताया था।

‘मेरी टोन, मेरी भाषा पर बात की जा रही है’

इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए सभापति ने कहा कि मेरी टोन, मेरी भाषा मेरे टेंपर पर बात की जा रही है। पर मैं किसी और की स्क्रिप्ट के आधार पर नहीं चलता, मेरे पास अपनी खुद की स्क्रिप्ट है। उधर बोलने न दिए जाने से नाराज विपक्ष ने इस बीच सदन का बहिष्कार किया और राज्यसभा से उठकर बाहर चले गए। सदन में विपक्ष के कई सदस्य नेता प्रतिपक्ष को बोलने का अवसर दिए जाने की मांग कर रहे थे। इस बीच कुछ अन्य विषयों पर भी विपक्षी सांसद अपनी बात कहने की कोशिश करते रहे।

‘मैं कलाकार हूं, बॉडी लैंग्वेज समझती हूं’

इसी दौरान जया बच्चन ने सभापति से कहा, ‘सर मैं जया अमिताभ बच्चन यह बोलना चाहती हूं कि मैं कलाकार हूं, बॉडी लैंग्वेज समझती हूं, एक्सप्रेशन समझती हूं, सर मुझे माफ करिएगा लेकिन आपका टोन जो है…’ उन्होंने कहा कि हम सभी सहकर्मी हैं, आप आसन पर आसीन हो सकते हैं। जया बच्चन की इस बात से नाराज सभापति ने कहा कि जया जी आपने बहुत प्रतिष्ठा अर्जित की है, आप जानती हैं कि एक अभिनेता निर्देशक के अधीन होता है, मैंने यहां जो देखा वह आपने नहीं देखा। आप कोई भी हो सकती हैं, आप कोई सेलिब्रिटी हो सकती हैं, लेकिन आपको डेकोरम समझना होगा।

‘राष्ट्र प्राथमिकता है, राष्ट्र सबसे पहले’

सभापति ने कड़े शब्दों में कहा कि मैं यह सब बर्दाश्त नहीं करूंगा। इसके बाद पक्ष और विपक्ष दोनों तरफ से जमकर हंगामा होने लगा। सभापति ने कहा कि मुझे मालूम है कि पूरे देश में आप अस्थिरता चाहते हैं। आप सदन में हंगामा चाहते हैं। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से कहा कि यह लोकतंत्र, संविधान के प्रति अनादर है। राष्ट्र प्राथमिकता है, राष्ट्र सबसे पहले आता है।

साभार : नवभारत टाइम्स

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