रविवार, दिसंबर 22 2024 | 11:15:51 PM
Breaking News
Home / राष्ट्रीय / नौ साल में मोदी सरकार ने 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला : नीति आयोग

नौ साल में मोदी सरकार ने 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला : नीति आयोग

Follow us on:

नई दिल्ली. नीति आयोग ने सोमवार को एक रिपोर्ट में कहा कि 2013-14 से 2022-23 तक नौ वर्षों में 24.82 करोड़ लोग बहुआयामी गरीबी से बाहर निकले। इस दौरान उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश में बहुआयामी गरीबी में सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई। बहुआयामी गरीबी को स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर में सुधार के आधार पर मापा जाता है।

बहुआयामी गरीबी नौ साल में 29.17% से घटकर 2022-23 में 11.28% रह गई

नीति आयोग के चर्चा पत्र (NITI discussion paper) के अनुसार, भारत में बहुआयामी गरीबी 2013-14 के 29.17 प्रतिशत से घटकर 2022-23 में 11.28 प्रतिशत हो गई, इस अवधि के दौरान लगभग 24.82 करोड़ लोग इस श्रेणी से बाहर निकल गए।

यूपी में गरीबों की संख्या में सबसे ज्यादा घटी, उसके बाद बिहार, एमपी और राजस्थान

उत्तर प्रदेश में पिछले नौ वर्षों के दौरान बहुआयामी गरीबी से 5.94 करोड़ लोग बाहर निकले। इसके बाद बिहार में 3.77 करोड़, मध्य प्रदेश में 2.30 करोड़ और राजस्थान में 1.87 करोड़ लोग बहुआयामी गरीबी के दायरे से बाहर निकले। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 2005-06 से 2015-16 की अवधि (7.69 प्रतिशत वार्षिक गिरावट की दर) की तुलना में 2015-16 से 2019-21 के बीच गरीबी अनुपात में गिरावट की गति बहुत तेज  (गिरावट की वार्षिक दर 10.66 प्रतिशत) रही।

नीति आयोग के चर्चा पत्र के लिए ओपीएचआई और यूएनडीपी ने तकनीकी इनपुट दिए

नीति आयोग के इस चर्चा पत्र का विमोचन सोमवार को नीति आयोग के सदस्य प्रोफेसर रमेश चंद ने आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम की उपस्थिति में किया। नीति आयोग के इस पेपर के लिए ऑक्सफोर्ड पॉलिसी एंड ह्यूमन डेवलपमेंट इनिशिएटिव (ओपीएचआई) और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) ने तकनीकी इनपुट प्रदान किए हैं।

12 सतत लक्ष्यों पर आधारित है राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी का आंकड़ा

नीति आयोग के अनुसार, राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी में स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर में बदलावों के आधार पर वंचितों का आकलन किया जाता है। इन्हें विकास के 12 सतत लक्ष्यों पर आधारित संकेतकों के जरिए मापा जाता है। इनमें पोषण, बाल और किशोर मृत्यु दर, मातृ स्वास्थ्य, स्कूली शिक्षा के वर्ष, स्कूलों में उपस्थिति, खाना पकाने के ईंधन, स्वच्छता, पेयजल, बिजली, आवास, संपत्ति और बैंक खाते शामिल हैं।

साभार : अमर उजाला

भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

https://www।amazon.in/dp/9392581181/

https://www।flipkart.com/bharat-1857-se-1957-itihas-par-ek-drishti/p/itmcae8defbfefaf?pid=9789392581182

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

मायावती आंबेडकर मुद्दे पर 24 दिसंबर को पूरे देश में करेगी आंदोलन

नई दिल्ली. बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा बाबा साहब …