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संसद में गतिरोध समाप्त करने के लिए केंद्र सरकार ने मानी विपक्ष की मांग

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नई दिल्ली. संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हो चुका है। हालांकि विपक्ष के हंगामे के चलते एक भी दिन सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चल नहीं पाई है। हालांकि, 26 नवंबर को संविधान दिवस के अवसर पर हुए खास आयोजन की वजह से सदनों की कार्यवाही नहीं हुई थी।

सरकार ने दो दिनों तक संविधान पर बहस की मांग मानी

राज्यसभा की BAC (बिजनेस एडवाइजरी कमेटी) की बैठक में राज्यसभा में सदन के नेता जेपी नड्डा और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर दो दिन की विशेष बहस कराने पर सहमति जताई है। कल राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति को पत्र लिखकर संविधान पर 2 दिन की बहस कराने की मांग की थी, जिसे अब सरकार ने मान लिया है। बहस की तारीखें नहीं बताई गई हैं।

सरकार के अड़ियलपन के कारण दोनों सदन स्थगित, कांग्रेस का आरोप

कांग्रेस ने बुधवार को आरोप लगाया कि अदाणी पर चर्चा के लिए तैयार नहीं है और सरकार के ‘अड़ियल रवैये’ के कारण संसद के दोनों सदन स्थगित हुए। कांग्रेस महासचिव (संचार प्रभारी) जयराम रमेश ने कहा कि विपक्ष पूरे ‘मोदानी घोटाले’ की संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने की मांग कर रहा है।
गौरतलब है कि अदाणी मामले को लेकर विपक्ष चर्चा पर अड़ा है, जिसके चलते संसद में हंगामे के कारण दो दिनों से सदन की कार्यवाही नहीं चल पाई है। जयराम रमेश ने एक्स पर साझा एक पोस्ट में लिखा, ‘आज भी संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित कर दी गई, क्योंकि सरकार अदाणी समूह के बारे में नवीनतम खुलासों पर तत्काल चर्चा के लिए तैयार नहीं है और अपनी बात पर अड़ी हुई है।’ उन्होंने कहा, ‘विपक्ष ‘मोदानी घोटाले’ की जेपीसी जांच की मांग कर रहा है।’ गौरतलब है कि गौतम अदाणी, उनके भतीजे सागर और एक अन्य प्रमुख कार्यकारी अधिकारी पर अमेरिकी न्याय विभाग ने सौर बिजली की आपूर्ति के लिए अनुबंध पाने के लिए भारतीय अधिकारियों को 26 करोड़ अमरीकी डालर की रिश्वत देने की कथित योजना का हिस्सा होने का आरोप लगाया है। राहुल गांधी ने इस मुद्दे में गौतम अदाणी की गिरफ्तारी की मांग की है।

साभार : अमर उजाला

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