नई दिल्ली. पूर्वी लद्दाख के पास सीमा पर सैनिकों की वापसी लगभग पूरी होने वाली है। इसी बीच भारत और चीन ने गुरुवार को दिवाली के अवसर पर वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर कई सीमा बिंदुओं पर मिठाइयों का आदान-प्रदान किया। सेना के सूत्रों ने बताया कि गुरुवार को दिवाली के अवसर पर भारत और चीन के सैनिकों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर कई सीमा बिंदुओं पर मिठाइयों का आदान-प्रदान किया। यह पारंपरिक प्रथा पूर्वी लद्दाख में डेमचोक और देपसांग मैदानों में दो टकराव बिंदुओं पर दोनों देशों द्वारा सैनिकों की वापसी पूरी करने के एक दिन बाद मनाई गई, जिससे चीन-भारत संबंधों में नई गर्माहट आई।
सैनिकों के बीच मिठाइयों का आदान-प्रदान हुआ
इस दौरान भारतीय और चीनी सेना के सैनिकों ने दिवाली के अवसर पर चुशुल-मोल्दो सीमा बिंदु पर मिठाइयों का आदान-प्रदान किया। चीनी PLA ने मिठाई एक्सचेंज के दौरान अपना पारंपरिक चीनी मास्क का मोमेंटो और साथ में मिठाई भारतीय सेना के साथ अदान-प्रदान किया। सेना के एक सूत्र ने पीटीआई को बताया, “दिवाली के अवसर पर एलएसी पर कई सीमा बिंदुओं पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच मिठाइयों का आदान-प्रदान हुआ।” सूत्रों ने बताया कि एलएसी पर पांच सीमा कार्मिक बैठक (बीपीएम) बिंदुओं पर यह आदान-प्रदान हुआ। बुधवार को सेना के एक सूत्र ने कहा कि दोनों पक्षों के सैनिकों ने दो टकराव बिंदुओं पर विघटन पूरा कर लिया है और जल्द ही इन बिंदुओं पर गश्त शुरू हो जाएगी। सूत्र ने तब कहा कि विघटन के बाद सत्यापन प्रक्रिया जारी है और ग्राउंड कमांडरों के बीच गश्त के तौर-तरीकों पर फैसला किया जाना है।
बातचीत को दिया गया अंतिम रूप
सेना के सूत्र ने कहा, “स्थानीय कमांडर स्तर पर बातचीत जारी रहेगी।” विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने 21 अक्टूबर को दिल्ली में कहा कि पिछले कई हफ्तों से चल रही बातचीत के बाद भारत और चीन के बीच एक समझौते को अंतिम रूप दिया गया है और इससे 2020 में उठे मुद्दों का समाधान निकलेगा। पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर सैनिकों की गश्त और विघटन पर समझौते को पुख्ता किया गया, जो चार साल से अधिक समय से चल रहे गतिरोध को समाप्त करने की दिशा में एक बड़ी सफलता है।
साभार : इंडिया टीवी
भारत : 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि) व/या भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं