मंगलवार, दिसंबर 16 2025 | 11:53:12 PM
Breaking News
Home / राज्य / उत्तरप्रदेश / मंत्री असीम अरुण ने छेड़खानी के आरोपी अपने निजी सचिव को गिरफ्तार करने के लिए बुलाई पुलिस

मंत्री असीम अरुण ने छेड़खानी के आरोपी अपने निजी सचिव को गिरफ्तार करने के लिए बुलाई पुलिस

Follow us on:

लखनऊ. रसूख और पद बड़ा हो जाए तो इंसान कई बार उसके नशे में गलत हरकतें करने लगता है. ये सोचकर कि उसका कुछ नहीं बिगड़ेगा. ऐसा ही कुछ सोचकर यूपी के एक मंत्री के पीए ने मंत्री के विभाग की कर्मचारी के साथ छेड़खानी कर दी. सोचा कि कर्मचारी उनके रसूख से डर जाएगी और वो कर्मचारी का शोषण करते रहेंगे. पर उस महिला कर्मचारी ने पीए की शिकायत सीधे मंत्री को कर दी और मंत्री ने भी पुलिस बुलाकर उनकी खूब फजीहत करा दी.

यूपी के मंत्री का क्या है मामला

असीम अरूण यूपी के समाज कल्याण मंत्री हैं. उनके विभाग में काम करने वाली महिला कर्मचारी ने उनके निजी सचिव पर छेड़खानी का आरोप लगा दिया. इसके बाद मंत्री ने फोनकर पुलिस फोर्स बुला ली. महिला ने मंत्री असीम अरुण से छेड़खानी की शिकायत की थी. मंत्री ने गोमतीनगर इंस्पेक्टर को बुलाकर निजी सचिव को पुलिस के हवाले कर दिया. मंत्री के निजी सचिव का नाम जय किशन सिंह है. इन पर आरोप है कि भागीदारी भवन में कार्यरत एक महिला कर्मचारी ने निजी सचिव जय किशन सिंह पर शील भंग का आरोप लगाते हुए राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण से लिखित शिकायत की. शिकायत के आधार पर असीम अरुण ने गोमतीनगर SHO को आरोपी निजी सचिव के विरुद्ध अग्रिम विधिक कार्रवाई के लिए निर्देशित किया. इसके बाद पुलिस आरोपी को पूछताछ के लिए लेकर थाने गई.

इससे पहले यूपी के मंत्री असीम अरूण की एक चिट्ठी की बड़ी चर्चा हुई थी. अरूण के इस पत्र ने कई लोगों को आईना दिखा दिया था. बीजेपी के साथी नेताओं को और साथ ही यूपी के अफ़सरों को भी. आपको बता दें कि राजनीति में आने से पहले असीम अरूण खुद भी एक IPS अफसर ही थे. तो पुलिस सेवा का वो मिज़ाज आज भी बना हुआ है. असीम अरूण के पिता श्रीराम अरूण भी यूपी के डीजीपी रहे हैं.

दरअसल, यूपी के समाज कल्याण मंत्री असीम अरूण वाराणसी के दौरे पर थे. प्रोटोकॉल के तहत वहां उन्हें एक गाड़ी दी गई. पर मंत्री असीम अरूण ने वो इनोवा गाड़ी लौटा दी. गाड़ी वापस करने से पहले उन्होंने वाराणसी के पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल को चिट्ठी लिखी. चिट्ठी के साथ उन्होंने अग्रवाल को गाड़ी की एक फोटो भी भेज दी. असीम अरूण ने पुलिस कमिश्नर को चिट्ठी लिख कर गाड़ी का चालान करने के लिए कहा. दरअसल, उस इनोवा गाड़ी में एक अनधिकृत नीले रंग की लाईट लगी थी. मंत्री होने के नाते वे इस लाईट लगी गाड़ी का इस्तेमाल नहीं कर सकते. इसीलिए उन्होंने प्रोटोकॉल में वो गाड़ी लेने से मना कर दिया.

साभार : एनडीटीवी

भारत : 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि) व/या भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं

सारांश कनौजिया की पुस्तकें

ऑडियो बुक : भारत 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि)

मित्रों,
मातृभूमि समाचार का उद्देश्य मीडिया जगत का ऐसा उपकरण बनाना है, जिसके माध्यम से हम व्यवसायिक मीडिया जगत और पत्रकारिता के सिद्धांतों में समन्वय स्थापित कर सकें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमें आपका सहयोग चाहिए है। कृपया इस हेतु हमें दान देकर सहयोग प्रदान करने की कृपा करें। हमें दान करने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक करें -- Click Here


* 1 माह के लिए Rs 1000.00 / 1 वर्ष के लिए Rs 10,000.00

Contact us

Check Also

पंकज चौधरी का उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बनना तय, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बने प्रस्तावक

लखनऊ. केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी ने यूपी बीजेपी अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन दाखिल …