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राजस्थान के चूरू में क्रैश हुआ सेना का जगुआर फाइटर, दोनों पायलटों की मौत

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जयपुर. चूरू जिले के रतनगढ़ क्षेत्र के भानुदा गांव में सोमवार दोपहर अचानक एक फाइटर प्लेन के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर से हड़कंप मच गया. घटना की सूचना मिलते ही राजलदेसर थाने से पुलिस टीम तुरंत मौके के लिए रवाना हुई. स्थानीय लोगों ने बताया कि यह विमान भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) का जगुआर था. दोपहर करीब 12 बजकर 40 मिनट पर गांव के ऊपर से गुजरते समय प्लेन ने अपना नियंत्रण खो दिया. चश्मदीद प्रेम सिंह के मुताबिक, विमान नीचे गिरते ही छोटे-छोटे टुकड़ों में टूट गया और आसपास के खेतों में आग लग गई. मलबा चारों ओर बिखरा हुआ देखा जा सकता है.

ग्रामीणों ने बताया कि हादसे के बाद शवों के टुकड़े इधर-उधर पड़े दिखाई दिए. क्रैश वाली जगह से 2 शव बरामद हुए हैं. हालांकि विमान में कितने पायलट थे, इसकी अभी स्पष्ट जानकारी नहीं मिल सकी है. पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा ले रहे हैं. घटना की सूचना फैलते ही पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई. पुलिस ने आसपास के लोगों को सुरक्षित दूरी पर रहने की अपील की है और घटनास्थल को घेरकर जांच शुरू कर दी है. अभी तक किसी आधिकारिक पुष्टि का इंतजार किया जा रहा है.

4 महीने में तीसरा जगुआर जेट क्रैश

भारतीय वायुसेना पिछले 4 महीने में तीन जगुआर फाइटर प्लैन खो चुकी है. 7 मार्च 2025 को हरियाणा के पंचकुला में वायुसेना का एक जगुआर ट्रेनिंग मिशन के दौरान क्रैश हो गया. पायलट ने समय रहते इजेक्शन कर लिया और हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई. वहीं, 2 अप्रैल 2025 को गुजरात के जामनगर में रात के अभ्यास मिशन में उड़ान भरते समय जगुआर विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इस हादसे में एक पायलट की मौत हो गई जबकि दूसरा घायल हो गया.

जगुआर फाइटर प्लेन की क्या है खासियत?

जगुआर एक ब्रिटेन और फ्रांस की संयुक्त परियोजना से बना ग्राउंड अटैक और डीप स्ट्राइक लड़ाकू विमान है. भारत ने इसे 1979 में वायुसेना में शामिल किया था. इसे खासतौर पर दुश्मन के ठिकानों पर गहराई तक जाकर हमला करने के लिए तैयार किया गया था. यह विमान परमाणु हथियारों को भी ले जाने में सक्षम है. भारतीय वायुसेना ने जगुआर को ‘शमशेर’ नाम दिया है. यह विमान कई दशकों से भारत की हवाई शक्ति का अहम हिस्सा रहा है. करगिल युद्ध सहित कई अहम अभियानों में इसका उपयोग हुआ है. इसे भारत में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने भी बनाया है.

फाइटर प्लैन जगुआर 1.6 मैक (1700+ किमी/घंटा) की गति से उड़ सकता है. इसमें दो शक्तिशाली इंजन लगे होते हैं. यह कम ऊंचाई पर उड़ान भरकर दुश्मन के रडार से बच सकता है. इसमें बम, मिसाइल, रॉकेट और गन जैसे घातक हथियार लगाए जा सकते हैं.

साभार : न्यूज18

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