गाजा. इजरायल और हमास के युद्ध को लेकर नया अपडेट आया है। इजरायल ने गाजा पर कब्जा करने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए इजरायल की सेना ने गाजा सिटी पर हमले तेज कर दिए हैं, जिससे गाजा में और नरसंहार होने का खतरा पैदा हो गया है। वहीं इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू की ओर से गाज के लोगों को शहर छोड़ने की चेतावनी दी गई। इजरायल ने गाजा पर कब्जे के लिए फुल स्केल ऑपरेशन शुरू कर दिया है। इजरायल की कोशिश 7 अक्टूबर तक गाजा पर कब्जा करने की है।
गाजा में गिराए गए चेतावनी भरे पर्चे
क्योंकि उस दिन हमास के इजरायल पर हमले को 2 साल पूरे हो जाएंगे। इसलिए इजरायल की सेना गाजा के अलग-अलग इलाकों में हमले से पहले आसमान से पर्चे गिराए गए हैं और लोगों से हमले के लिए चिन्हित इलाकों को खाली करके चले जाने को कहा गया है। क्योंकि इजरायल की ओर से धमकी दी गई है कि अगर हमास ने बंधकों को रिहा नहीं किया और हथियार नहीं डाले। युद्धविराम की शर्तें पूरी नहीं की तो हवाई और जमीनी हमले करके गाजा को तबाह कर दिया जाएगा और लोगों की मौत के लिए इजरायल नहीं हमास जिम्मेदार होगा।
राष्ट्रपति ट्रंप भी दे चुके अल्टीमेटम
बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप भी हमास को चेतावनी दे चुके हैं कि वे बंधकों को रिहा कर दें और युद्धविराम करें, अन्यथा गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। वहीं अब इजरायल की सरकार ने गाजा के लोगों और हमास को फाइनल वार्निंग दे दी कि अगर साल 2023 में बंधक बनाए गए 48 लोग रिहा नहीं किए गए तो गाजा को तबाह कर दिया जाएगा। इसलिए चेतावनी दे रहे हैं कि गाजा से निकल जाइए। हवाई और जमीनी हमले होने वाले हैं। गाजा पर कब्जा करने का फैसला प्रधानमंत्री नेतन्याहू कर चुके हैं और अब गाजा पर कब्जा करके युद्ध को जीतेंगे।
गाजा में गहराया मानवीय संकट
बता दें कि इजरायली सेना के हमले से गाजा में मानवीय संकट गहरा गया है। गाजा में भुखमरी, कुपोषण, महामारी ने पांव पसार लिए हैं। इजरायल ने नाकाबंदी करके लोगों तक पहुंचने वाली राहत सामग्री और मानवीय सहायता को भी रोक दिया है। अब गाजा में खाने और पानी के बाद चिकित्सीय सुविधाओं का अकाल भी पड़ गया है। खाना, पानी और इलाज नहीं मिलने के कारण महिलाएं और बच्चे मर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इस हालत को मानवीय संकट, नरसंहार और युद्ध अपराध बताया है।
UN की आपात बैठक बुलाने की मांग
IAGS ने सितंबर 2025 में एक प्रस्ताव पारित किया है, जिसका समर्थन 86 प्रतिशत सदस्यों ने किया है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी विशेषज्ञों की आपात बैठक बुलाने की मांग की है। संयुक्त राष्ट्र संघ, एमनेस्टी इंटरनेशनल, ह्यूमन राइट्स वॉच और नरसंहार विशेषज्ञों की अंतरराष्ट्रीय एसोसिएशन (IAGS) ने गाजा के हालातों को इजरायल का नरसंहार बताया है। एकीकृत फूड सिक्योरिटी फेज क्लासिफिकेशन (IPC) ने अगस्त 2025 में ही गाजा में अकाल और 641000 लोगों के भुखमरी से जूझने की पुष्टि की थी।
साभार : न्यूज24
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