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इस्पात उत्पादों पर गुणवत्ता नियंत्रण आदेश से संबंधित इस्पात मंत्रालय के स्पष्टीकरणात्मक कार्यालय ज्ञापन के संदर्भ में छूट

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इस्पात मंत्रालय का कार्यालय ज्ञापन दिनांक 13 जून 2025 को यह स्पष्ट करने के लिए जारी किया गया था कि अंतिम उत्पादों के निर्माण हेतु प्रयुक्त होने वाली मध्यवर्ती सामग्री को भी भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) का पालन करना होगा, जो उन मध्यवर्ती उत्पादों के लिए निर्धारित हैं। कोई नया गुणवत्ता नियंत्रण आदेश जारी नहीं किया गया है।

इसके पश्चात, विभिन्न हितधारकों से इस आदेश के दायरे, कार्यान्वयन तथा अनुपालन को लेकर स्पष्टीकरण एवं कुछ मामलों में छूट हेतु अभ्यावेदन प्राप्त हुए। इस परिप्रेक्ष्य में, 07.07.2025 को माननीय इस्पात मंत्री की अध्यक्षता में उपयोगकर्ता उद्योगों एवं उत्पादकों के साथ एक परामर्श बैठक आयोजित की गई, जिसमें निम्नलिखित प्रमुख बिन्दु सामने आए:

· हितधारकों द्वारा स्पष्टीकरणात्मक कार्यालय ज्ञापन का सैद्धान्तिक रूप से समर्थन किया गया।

· हालांकि, यह अनुरोध किया गया कि पहले से प्रेषित खेपों के लिए कुछ छूट प्रदान की जाए।

यह उल्लेखनीय है कि दिनांक 02.07.2025 की प्रेस विज्ञप्ति में ये पहले ही स्पष्ट किया जा चुका है कि एकीकृत इस्पात संयंत्र (आईएसपी), जो मध्यवर्ती एवं अंतिम उत्पाद दोनों का निर्माण स्वयं करते हैं और जिनके लिए बीआईएस लाइसेंस पूर्ण उत्पादन प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए जारी किया गया है, उन्हें उत्पादन के प्रत्येक चरण के लिए अलग-अलग लाइसेंस की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि बीआईएस प्रमाणन प्रक्रिया सम्पूर्ण विनिर्माण श्रृंखला को समाहित करती है।

उपरोक्त के आलोक में, दिनांक 11.07.2025 को एक आधिकारिक आदेश जारी किया गया है जिसके अनुसार दिनांक 13.06.2025 के स्पष्टीकरणात्मक कार्यालय ज्ञापन के संदर्भ में निम्नलिखित छूटें प्रदान की गई हैं:

· 15.07.2025 को या उससे पहले ‘शिप ऑन बोर्ड’ तिथि वाले बिल ऑफ लैडिंग के साथ आयात किए गए इस्पात उत्पादों के लिए इनपुट स्टील की अनिवार्य अनुपालन आवश्यकता से छूट दी गई है।

· एकीकृत इस्पात संयंत्रों (आईएसपी) द्वारा आपूर्ति किए गए अंतिम उत्पादों के लिए इनपुट स्टील की अनिवार्य अनुपालन की आवश्यकता से छूट दी गई है, बशर्ते कि बीआईएस द्वारा ऐसे लाइसेंसों का सत्यापन कर लिया जाए। इस प्रक्रिया के दौरान, ऐसे आईएसपी इस्पात मंत्रालय को tech-steel[at]nic[dot]in ई मेल पर एक घोषणा पत्र भेज सकते हैं जिसमें यह उल्लेख हो कि वे एकीकृत इस्पात संयंत्र हैं, साथ ही सक्रिय बीआईएस लाइसेंसों की सूची एवं संबंधित दस्तावेज़ संलग्न करें। किसी भी प्रकार की गलत घोषणा एसआईएमएस (इस्पात आयात निगरानी प्रणाली) में प्रतिबंध का कारण बन सकती है। इस्पात मंत्रालय एसआईएमएस पोर्टल पर ऐसे आईएसपी के लिए उपयुक्त प्रावधान करेगा।

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