नई दिल्ली. भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह फाइटर जेट तेजस बनाने वाली कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) पर भड़क गए. उन्होंने तेजस MK1A की डिलीवरी में देरी पर नाराजगी जताते हुए कहा कि उन्हें एचएएल पर भरोसा नहीं है. एयर चीफ मार्शल की टिप्पणी के बाद HAL चेयरमैन की ओर से बयान जारी किया गया है.
एयर चीफ मार्शल ने कहा था कि डिफेंस सेक्टर में काम करने वाली पब्लिक सेक्टर की हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) में उनका भरोसा लगातार कम होता जा रहा है. इसकी वजह है कि कंपनी हल्के लड़ाकू विमान तेजस MK1A की डिलीवरी और अपग्रेडेशन में देरी कर रही है. सोमवार को बेंगलुरु में एयरो इंडिया 2025 की शुरुआत के समय शूट किए गए एक वीडियो में कहा, “आपको हमारी चिंताएं दूर करनी होंगी. हमें अधिक आश्वस्त करना होगा. फिलहाल मुझे एचएएल पर भरोसा नहीं है, जो कि बहुत गलत बात है.”
वीडियो शूट के दौरान एयर चीफ मार्शल ने जताई थी चिंता
वायुसेना प्रमुख को पीएसयू का हवाला देते हुए यह कहते हुए सुना जा सकता है, मैं आपको (HAL) बता सकता हूं कि हमारी आवश्यकताएं और चिंताएं क्या हैं. वीडियो में एचएएल के एक अधिकारी को कहते सुना जा सकता है कि मैं उंगली नहीं उठा सकता क्योंकि अगर मैं एक उंगली उठाऊंगा तो तीन उंगली मेरी तरफ होंगी. कई जगह चीजें गड़बड़ हैं क्योंकि प्रोडक्ट को तैयार होने में समय लगता है, जरूरतें बदलती रहती हैं.
एयर चीफ मार्शल की चिंता जायज: HAL चेयरमैन
टीओआई के मुताबिक, एयर चीफ मार्शल की इस टिप्पणी के बाद HAL के चेयरमैन और एमडी डीके सुनील ने बयान जारी किया है. उन्होंने कहा कि तेजस फाइटर जेट की डिलीवरी में देरी के लिए मैं सिर्फ इतना ही कहूंगा कि इसके लिए आलस जिम्मेदार नहीं है. एयरो इंडिया 2025 में उन्होंने कहा कि कुछ तकनीकी मुद्दे थे जिन्हें सुलझा लिया गया है. वायुसेना प्रमुख की चिंता जायज है.
हम जल्द ही तेजस की डिलीवरी शुरू करेंगे: HAL
एचएएल चेयरमैन ने जारी बयान में कहा, “हमने अब वादा किया है कि हमारे पास सभी स्ट्रक्चर तैयार होंगे. हमने इसे बता दिया है. हमने अलग-अलग स्तर पर कई मीटिंग की हैं. हम इसका निर्माण कर रहे हैं और एक बार इंजन उपलब्ध होने के बाद ये शुरू हो जाएगा. मुझे लगता है कि चिंता अच्छी तरह समझ में आ गई है. इसमें कोई शक नहीं है कि एक टीम के रूप में हम सभी ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. हम जल्दी ही फाइटर जेट की डिलीवरी शुरू कर देंगे.”
साभार : एबीपी न्यूज
भारत : 1885 से 1950 (इतिहास पर एक दृष्टि) व/या भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं