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350 साल पुराना टौणी देवी मंदिर: चौहान वंश की कुलदेवी, पत्थरों को टकराकर मांगी जाती है मन्नत

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शिमला. हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले का टौणी देवी मंदिर लगभग 350 वर्ष पुराना है और इसे चौहान वंश की कुलदेवी के रूप में पूजा जाता है। इस मंदिर की खास परंपरा है कि श्रद्धालु अपनी मन्नत मांगने के लिए पत्थरों को आपस में टकराते हैं। मान्यता है कि माता टौणी देवी को सुनाई नहीं देता था, इसलिए भक्तजन इस तरह माता का ध्यान आकर्षित करते हैं और विश्वास करते हैं कि उनकी हर मनोकामना पूर्ण होती है।

नवरात्रों के पावन दिनों में सुबह से शाम तक मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। महिलाएं और परिवारजन दूर-दूर से आकर यहां माथा टेकते हैं और मन्नतें मांगते हैं। मंदिर कमेटी और स्थानीय लोगों के अनुसार, मुगल साम्राज्य के समय कुछ चौहान वंशीय लोग धर्मांतरण से बचने के लिए राजस्थान से निकलकर हिमाचल के इस दुर्गम क्षेत्र में आए थे। उन्होंने माता को यहां शरण दी थी और उसी स्मृति में इस मंदिर की स्थापना की गई। तभी से यह मंदिर चौहान वंश की कुलदेवी के रूप में प्रतिष्ठित है। यह मंदिर हमीरपुर से मंडी जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-03 (वाया अवाहदेवी) पर, हमीरपुर मुख्यालय से लगभग 14 किलोमीटर की दूरी पर टौणीदेवी कस्बे में स्थित है।

SHABD, September 24, 2025

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