इस्लामाबाद. जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हिंदू नरसंहार के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं. इससे पाकिस्तान में खलबली मच गई है. भारत ने सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty) को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने, पाकिस्तानी उच्चायोग में राजनयिकों की संख्या घटाने और अटारी-बाघा सीमा बंद करने जैसे कड़े फैसले लिए हैं. इन कदमों से घबराया पाकिस्तान अपने ‘सदाबहार दोस्त’ चीन की शरण में पहुंच गया है और मदद के लिए गुहार लगाई. पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मोहम्मद इशाक डार ने इस्लामाबाद में चीनी राजदूत जियांग जेड से मुलाकात की.
22 अप्रैल को हुए नरसंहार में धर्म पूछ-पूछकर 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की हत्या कर दी गई थी. भारत ने इस हमले को पाकिस्तान-प्रायोजित आतंकवाद से जोड़ा और तत्काल प्रभाव से कई सख्त कदम उठाए. इनमें सबसे बड़ा फैसला 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित करना था. यह पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और कृषि की जीवनरेखा है. इसके अलावा, भारत ने पाकिस्तानी उच्चायोग के कर्मचारियों की संख्या कम करने, पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करने और अटारी सीमा बंद करने जैसे कदम उठाए.
पीओके में आतंकियों को ट्रेनिंग
आतंकी संगठन हमास और पाकिस्तान के बीच गठबंधन का खुलासा पहलगाम हमले से हो गए. खुफिया अधिकारियों ने पहलगाम हमले में चार हमलावरों (जिनमें से दो पाकिस्तान से थे) की रणनीति और अक्टूबर 2023 में इजरायल में हमास के बड़े अटैक में आश्चर्यजनक समानताएं पाई हैं. सूत्रों से पता चला है कि सभी चार आतंकवादियों को पीओके में ट्रेनिंग मिली थी. इस इलाके में हमास ने आतंकी समूहों जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) और लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के शिविरों में एक ट्रेनिंग मॉड्यूल स्थापित किया, जिसे पूरी तरह से आईएसआई का समर्थन हासिल है.
हमास नेता पहुंचे थे पीओके
फरवरी में, इजरायल की कैद से रिहा किए गए हमास नेताओं ने इस्लामाबाद के न्योते पर पाकिस्तान का दौरा किया था और उन्हें लश्कर और जैश आतंकवादियों से मिलने के लिए पीओके ले जाया गया था. हमास नेताओं को रावलकोट की सड़कों पर घोड़ों पर सवार करके मुक्तिदाताओं के रूप में घुमाया गया. हमास के प्रवक्ता खालिद अल-कद्दौमी और नाजी जहीर के अलावा हमास नेता मुफ्ती आजम और बिलाल अलसलात रावलकोट रैली में मौजूद थे. रैली में जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर के भाई तल्हा सैफ और दोनों संगठनों के कई अन्य शीर्ष आतंकवादी कमांडर भी शामिल थे.
साभार : न्यूज18
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