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डॉ. मनसुख मांडविया ने अंगदान नीति की समीक्षा की

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नई दिल्ली (मा.स.स.). अंग दान और अंग प्रत्यारोपण क्षेत्र में सुधार के लिए दूरदर्शी संरचनात्मक परिवर्तन सामने लाए जा रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने आज स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ राज्य मंत्री (स्वास्थ्य) डॉ. भारती प्रवीण पवार की उपस्थिति में अंगदान और प्रत्यारोपण की स्थिति की समीक्षा करते हुए इस संबंध में निर्देश दिए।

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने “मन की बात” कार्यक्रम के 99वें एपिसोड में देशवासियों से अंगदान के इस नेक काम के लिए आगे आने का आह्वान किया। इससे देश में अंगदान को एक नई गति मिली है। देश में कुल अंग प्रत्यारोपण की संख्या वर्ष 2013 में 5000 से कम थी, जो वर्ष 2022 में बढ़कर 15000 से अधिक हो गई है। राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (एन.ओ.टी.टी.ओ.), क्षेत्रीय स्तर पर क्षेत्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (आर.ओ.टी.टी.ओ), और राज्य स्तर पर राज्य अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (एस.ओ.टी.टी.ओ) के नेटवर्क के माध्यम से बेहतर समन्वय के कारण प्रति मृतक दाता अधिक अंगों का उपयोग किया जा रहा है। वर्ष 2016 में 930 मृतक दाताओं से 2265 अंगों का उपयोग किया गया जबकि वर्ष 2022 में 904 मृतक दाताओं से 2765 अंगों का उपयोग किया जा सका।

राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (एन.ओ.टी.टी.ओ.) अस्पतालों में अंग दान और प्रत्यारोपण कार्यक्रम के कार्यान्वयन के लिए चरणबद्ध तरीके से मार्गदर्शिका के रूप में एक प्रत्यारोपण मैनुअल पर काम कर रहा है और प्रत्यारोपण समन्वयकों के प्रशिक्षण के लिए एक मानक पाठ्यक्रम पर भी काम कर रहा है। इन दोनों दस्तावेजों को पूरा कर जल्द ही जारी कर दिया जाएगा। कार्यक्रम के बेहतर कार्यान्वयन के लिए एन.ओ.टी.टी.ओ. में समन्वय, आई.ई.सी., प्रशिक्षण और मानव संसाधन/लेखा के लिए चार वर्टिकल बनाए गए हैं। हाल ही में, भारत सरकार ने केंद्र सरकार के ऐसे कर्मचारियों को 42 दिनों तक के विशेष आकस्मिक अवकाश प्रदान किए हैं, जो सार्वजनिक हित में एक विशेष कल्याणकारी कदम उठा कर दूसरे इंसान को अंग दान करते हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के मार्गदर्शन में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय देश में अंग दान और प्रत्यारोपण को बढ़ावा देते हुए नीतिगत सुधारों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सर्वोत्तम प्रक्रियाओं से भी सीख ले रहा है।

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