भुवनेश्वर. ओडिशा में 2 जून को हुए बेहद दर्दनाक ट्रेन दुर्घटना को भूल पाना आसान नहीं है. हादसे में 275 लोगों की जान चली गई थी लेकिन तीन दिन बाद भी अबतक 100 से ज्यादा शवों की पहचान नहीं हो सकी है. हादसे की जानकारी देते हुए एक अधिकारी ने कहा, दुर्घटना में मरे लोगों में 101 शवों की पहचान अभी की जानी बाकी है. ईस्टर्न सेंट्रल रेलवे के डिवीजन रेलवे मैनेजर रिंकेश रॉय ने कहा कि ओडिशा के कई अस्पतालों में अभी भी लगभग 200 लोगों का इलाज चल रहा है.
900 घायलों को किया डिस्चार्ज
डिवीजन रेलवे मैनेजर रिंकेश रॉय ने बताया कि ओडिशा रेल हादसे में लगभग 1,100 लोग घायल हुए थे, जिसमें से 900 लोगों को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई. इसके अलावा ओडिशा के कई अस्पतालों में लगभग 200 लोगों का इलाज किया जा रहा है. हादसा ओडिशा के बालासोर में हुआ जिसमें दो एक्सप्रेस ट्रेन और 1 मालगाड़ी थी. इस दुखद घटना का पूरे भारत पर गहरा प्रभाव पड़ा है.
परिजनों को सौंपे गए 55 शव
भुवनेश्वर नगर निगम के आयुक्त विजय अमृत कुलंगे ने एएनआई को बताया कि भुवनेश्वर अस्पताल में रखे गए कुल 193 शवों में से 80 शवों की पहचान कर ली गई है. 55 शव परिजनों को सौंप दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि बीएमसी के हेल्पलाइन नंबर पर 200 से ज्यादा कॉल आए.
ओडिशा में 2 जून को दुर्घटना तब हुई शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस एक खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई, जिससे कई डिब्बे बगल के ट्रैक पर पटरी से उतर गए. इसके बाद दूसरी ट्रैक पर यशवंतपुर से हावड़ा जा रही हावड़ा एक्सप्रेस कोरोमंडल के डिब्बों से टक्कर की वजह से डिरेल हो गई. हादसे के बाद अगले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्राउंड जीरो से बालासोर दुर्घटना स्थल का जायजा लिया और अस्पताल में इलाज करा रहे घायलों से भी मिले.
साभार : एबीपी न्यूज़
भारत : 1857 से 1957 (इतिहास पर एक दृष्टि) पुस्तक अपने घर/कार्यालय पर मंगाने के लिए आप निम्न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं
https://www.amazon.in/dp/9392581181/