चंडीगढ़. हरियाणा के जींद में भाजपा नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह ने उचाना के राजीव गांधी महाविद्यालय में आयोजित कार्यकर्ताओं की मीटिंग को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने दावा किया कि भाजपा के साथ JJP का गठबंधन रहे या न रहे। वह लिखकर देते हैं कि दुष्यंत चौटाला उचाना से अगला विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। मीटिंग का आयोजन भाजपा सांसद बृजेंद्र सिंह द्वारा 30 जून को बरवाला में होने वाली हिसार लोकसभा की मीटिंग में अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए किया गया। पूर्व विधायक प्रेमलता सिंह के साथ-साथ उचाना के तीनों मंडल अध्यक्ष मीटिंग में पहुंचे।
राजनीति में 2 तरह के लोग : बीरेंद्र सिंह
इस दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने कहा कि लोकसभा में जहां भाजपा की जीत आज बिल्कुल पक्की बताई जाती है, उसमें सबसे पहले नंबर पर फरीदाबाद, गुरुग्राम हैं। इसके बाद सांसद बृजेंद्र सिंह की हिसार लोकसभा की सीट है। उचाना हलका वो हलका नहीं है, जहां से केवल विधायक बनता है। उचाना हलका वो हलका है जो हरियाणा की राजनीति में बड़ा खेल खेलने में सक्षम है। राजनीति में 2 तरह के लोग हैं। एक रुपयों से और दूसरे ताकत से राजनीति करने वाले। वे लोगों की ताकत से राजनीति करने वाला हैं। किसी रुपए वाले से न कभी घबराए, न डरे और न कोई फ्रिक की। जो आज हूं लोगों की ताकत की वजह से हूं। आने वाले समय में देश, हरियाणा की राजनीति में बड़ी घटना घटेंगी, जो लोगों के अनुरूप होंगी।
दुष्यंत ने सिद्धांतों को दिया धोखा
JJP द्वारा भाजपा को दिए गए समर्थन पर चौधरी बीरेंद्र सिंह ने कहा कि भाजपा को चुनाव में जमुना पार करवाने वाला दुष्यंत चौटाला ने अपने सिद्धांतों को धोखा देकर भाजपा को समर्थन दिया। 10 विधानसभा सीट JJP को मिली थीं। विपक्ष में अगर ये बैठकर दिखाते तो उनके दम का पता लगता। चुनाव में भाजपा के खिलाफ अगर थे, तो लड़ाई लड़नी चाहिए थी। आज भाजपा का छोटे से लेकर बड़ा नेता तक गठबंधन को रखने के पक्ष में नहीं है। हरियाणा की राजनीति को उचाना हलका विधायक नहीं देता बल्कि उचाना हलका हरियाणा की राजनीति को नई दिशा देता है। हरियाणा के लोग ये देखते हैं कि उचाना के लोग क्या फैसला करते हैं।
जिस पार्टी को छोड़ा उसमें दोबारा क्यों जाएं
पूर्व विधायक प्रेमलता ने चौधरी बीरेंद्र सिंह की कांग्रेस में जाने की अटकलों पर विराम लगाते हुए कहा कि जिनकी वजह से कांग्रेस छोड़ी थी, आज वो कांग्रेस में वहीं के वहीं खड़े हैं। जिस पार्टी को छोड़ दिया, उस पार्टी में दोबारा क्यों जाएं। ये बात भूल जाओ कि किसी पार्टी में जाएंगे।
साभार : दैनिक भास्कर
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