जम्मू. सुप्रीम कोर्ट की पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ 11 जुलाई को अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करने जा रही है। इससे पहले आईएएस अधिकारी शाह फैसल ने मंगलवार को कहा कि अनुच्छेद 370 अतीत की बात है और अब पीछे नहीं मुड़ा जा सकता है। अब सिर्फ आगे ही बढ़ा जा सकता है।
फैसल ने ट्विटर पर लिखा, ‘(अनुच्छेद) 370, मेरे जैसे कई कश्मीरियों के लिए अतीत की बात है। झेलम और गंगा हमेशा के लिए महान हिंद महासागर में शामिल हो गई हैं। अब पीछे नहीं जाया जा सकता है। अब केवल आगे ही बढ़ना है।’ 2010 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी फैसल को अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त किए जाने और अगस्त 2019 में तत्कालीन जम्मू और कश्मीर राज्य को केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद एक साल से अधिक समय तक हिरासत में रखा गया था। उन्होंने सेवा से इस्तीफा दे दिया था और जनवरी 2019 में एक राजनीतिक पार्टी जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट की शुरुआत की थी।
इसके बाद 2019 में ही फैसल ने अनुच्छेद 370 को खत्म करने के केंद्र के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।लंबी हिरासत के बाद अप्रैल 2022 में फैसल ने सरकार से इस्तीफा वापस लेने के लिए आवेदन किया, जिसे सरकार ने स्वीकार कर उन्हें बहाल कर दिया। इसके बाद उन्हें केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय में तैनात कर दिया गया। उसी महीने फैसल ने अदालत में एक आवेदन दायर कर उन सात याचिकाकर्ताओं की सूची से अपना नाम हटाने की मांग की, जिन्होंने अनुच्छेद 370 को खत्म करने को चुनौती दी थी।
सरकार द्वारा तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के लगभग चार साल बाद, भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ इस फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 11 जुलाई को सुनवाई करेगी। शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर सोमवार को प्रकाशित एक नोटिस के अनुसार, पीठ निर्देश पारित करने के लिए याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।
साभार : अमर उजाला
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