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भाजपा और कांग्रेस दोनों ने अपने सांसदों को जारी किया व्हिप

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नई दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस दोनों ने अपने-अपने सांसदों को व्हिप जारी कर 18 से 22 सितंबर तक होने वाले संसद के विशेष सत्र में उपस्थित रहने को कहा है. कांग्रेस ने गुरुवार (14 सितंबर) को व्हिप जारी करते हुए अपने सांसदों से संसद में मौजूद रहेने और पार्टी के स्टैंड का समर्थन करने कहा है. बीजेपी ने व्हिप में अपने सांसदों को महत्वपूर्ण बिल पर चर्चा करने और सरकार के रुख का समर्थन करने के लिए संसद में उपस्थित रहने के लिए कहा है.

चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए बिल

एक दिन पहले ही सरकार ने सत्र के पहले ही दिन संविधान सभा से लेकर आज तक संसद की 75 साल की यात्रा, उपलब्धियों, अनुभवों, स्मृतियों और सीख पर एक विशेष चर्चा को कार्यवाही में सूचीबद्ध किया है. सरकार ने मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति संबंधी विधेयक को भी कार्यवाही में सूचीबद्ध किया है. यह विधेयक पिछले मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में पेश किया गया था.

लोकसभा में पेश किए जाएंगे राज्यसभा से पारित हुए बिल
विशेष सत्र में संसद की कार्यवाही पुराने भवन की जगह नए संसद भवन में चलने की संभावना है. लोकसभा के लिए अन्य सूचीबद्ध बिलों में ‘एडवोकेट्स (अमेंडमेंट) बिल, 2023 और प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन ऑफ पीरियोडिकल्स बिल, 2023 शामिल हैं. यह सभी बिल पहले ही राज्यसभा से पारित किए जा चुके हैं.

पोस्ट ऑफिस बिल भी सूचिबद्ध
इसके अलावा ‘पोस्ट ऑफिस बिल, 2023 को भी लोकसभा की कार्यवाही में सूचीबद्ध किया गया है. यह बिल 10 अगस्त 2023 को राज्यसभा में पेश किया गया था. गौरतलब है कि यह सूची अस्थायी है और इसमें और भी आइटम जोड़े जा सकते हैं. विशेष सत्र की शुरुआत पुराने संसद भवन में होगी और अगले दिन कार्यवाही नए भवन में होने की संभावना है. सरकार ने 18 सितंबर से शुरू होने जा रहे संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र से पहले 17 सितंबर को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है. विपक्ष ने आरोप लगाया है कि सरकार कुछ आश्चर्यजनक कानून ला सकती है.

क्या होती व्हिप?
व्हिप किसी भी राजनीतिक दल का एक अधिकार होता है. इसका काम संसद में पार्टी अनुशासन सुनिश्चित करना होता है. इसे सचेतक भी कहा जाता है. यह सुनिश्चित करता है कि पार्टी के सदस्य अपनी व्यक्तिगत विचारधारा या अपनी इच्छा की बजाय पार्टी के तय किए नियमों या फैसलों को फॉलो करें. इससे नहीं मानने पर पार्टी एक्शन भी ले सकती है.

साभार : एबीपी न्यूज़

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