नई दिल्ली (मा.स.स.). एक्वाकनेक्ट, ने देश में अपनी उपस्थिति मजबूत करने की योजना के तहत, आज पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में अपने रणनैतिक विस्तार की घोषणा की है। एक्वाकनेक्ट ने पिछले 15 महीनों में अपने एक्वापार्टनर नेटवर्क का भी 4गुणा विस्तार किया है। गौरतलब है कि एक्वाकनेक्ट एक सम्पूर्ण एक्वाकल्चर (मत्स्य पालन) प्लैटफॉर्म है। इसमें फिनटेक इनबिल्ट है जो मछली और झींगा (श्रिम्प) पालन उद्योग में हितधारकों के लिए बाज़ार से सम्बद्धता प्रदान करने के लिए सैटेलाइट रिमोट सेंसिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग करता है। एक्वाकनेक्ट का दायरा अब पश्चिम बंगाल में नौ जिलों और उत्तर प्रदेश में आठ जिलों तक फ़ैल गया है। एक्वापार्टनर्स ग्रामीण व्यापारी और किसानों को खेती संबंधी परामर्श, और दूसरे मछली कृषि क्षेत्र की सुलभता में अंतिम बिंदु तक सहायता प्रदान करते हैं। एक एक्वापार्टनर लगभग 100 मत्स्य किसानों की मदद कर सकता है।
पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश, इन दो नए बाज़ारों में एक्वाकनेक्ट के प्रवेश से आन्ध्र प्रदेश, तमिलनाडु, ओडिशा और गुजरात सहित एक्वाकल्चर उत्पादक छः प्रमुख राज्यों में इसकी उपस्थिति मजबूत होगी। यह कदम किसानों को नए कृषि इनपुट के ब्रांड्स को खरीदने के लिए बाज़ार की सुलभता प्रदान करने के लिए अपनी सेवाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाने में एक्वाकनेक्ट का लक्ष्य है। इसके साथ ही, एक्वाकनेक्ट वर्ष के अंत तक अपने एक्वापार्टनर्स नेटवर्क को तिगुना करके प्री-हार्वेस्ट एक्वाकल्चर वैल्यू चेन में अपनी स्थिति मजबूत बनाना चाहता है। इस विस्तार के माध्यम से एक्वाकनेक्ट एक मजबूत ग्राउंड नेटवर्क के साथ भारत में अपना प्रभाव बढ़ाने का लक्ष्य हासिल करेगा।
एक्वाकनेक्ट के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर, कार्तिवेलन सेल्वराज ने कहा कि, “पश्चिम बंगाल दूसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक राज्य है और भारत के कुल मछली उत्पादन में इसका योगदान लगभग 14% है। इसके बाद तीसरे सबसे बड़े मछली उत्पादक राज्य के रूप में राष्ट्रीय उत्पादन में 7% योगदान के साथ उत्तर प्रदेश का स्थान है। भारत एक सीफ़ूड (समुद्री खाद्य) का प्रमुख निर्यातक है, लेकिन इसके बावजूद घरेलू बाज़ार अप्रत्याशित संभावनाओं से भरा है। यह अपने मजबूत फिजिटल वितरण नेटवर्क के माध्यम से सबसे बड़ा एक्वाकल्चर प्लैटफॉर्म स्थापित करने की हमारे दृष्टिकोण के अनुरूप है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ सैटेलाइट रिमोट सेंसिंग टेक्नोलॉजीज के संयोजन और अपने एक्वापार्टनर्स नेटवर्क के विस्तार के द्वारा हम एक्वाकल्चर की मूल्य श्रृंखला में बदलाव लाने तथा हितधारकों के बीच बाज़ार से सम्बद्धता का सामर्थ्य देने के प्रति वचनबद्ध हैं। इन राज्यों में बदलावकारी दृष्टिकोण का प्रवर्तन करके हम एक ज्यादा अन्तर्संबद्ध और सुव्यवस्थित इकोसिस्टम तैयार करने की दिशा में महत्वपूर्ण छलांग लगा रहे हैं। हमारा लक्ष्य भारत में एक्वाकल्चर की व्यापक वृद्धि के लिए क्रमिक रूप से योगदान करते हुए सस्टेनेबिलिटी को बढ़ावा देना और प्रगति को उत्प्रेरित करना है।”
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